पंजाब ने सेवा वितरण में रिकॉर्ड बनाते हुए 99.88% सेवाएं समय पर दीं। जून 2024 से 2025 तक 48.85 लाख नागरिकों को सीधा लाभ मिला। डिजिटल शासन और पारदर्शिता में पंजाब देश में पहले स्थान पर।
पंजाब ने सेवाओं के समयबद्ध और पारदर्शी वितरण में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए स्वयं को कुशल शासन में बेहतरीन साबित किया है। जून 2024 से जून 2025 के बीच कुल 48.85 लाख नागरिकों को समय पर सरकारी सेवाओं का सीधा लाभ मिला है, जिससे राज्य पूरे देश के लिए एक आदर्श बनकर उभरा है। 99.88% सेवाएं समय पर दी गई, जो नागरिक-प्रथम शासन का नया मानक तय करती है।
इस पहल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि अब देरी लगभग खत्म हो चुकी है। केवल 0.12% आवेदन ही विलंबित हुए, जिससे यह साबित होता है कि सिस्टम को जनता के हित में तेज़ और मज़बूत बनाया गया है। इस बदलाव से नागरिकों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें पहले महीनों की लंबी प्रतीक्षा, बार-बार चक्कर और अनावश्यक परेशानियां झेलनी पड़ती थी।
इन नतीजों की बदौलत पंजाब को सेवा वितरण में समयबद्धता के लिए पूरे भारत में पहला स्थान मिला है। यह उपलब्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इस बात का सबूत है कि सरकार की तकनीक और जवाबदेही पर केंद्रित नीतियां वास्तव में जनता को लाभ पहुँचा रही है।
इस बदलाव के पीछे सबसे बड़ा कदम अधिकारियों का डिजिटल ऑनबोर्डिंग है। करीब 98% फील्ड अधिकारी, जिनमें पटवारी, नगर परिषद कर्मचारी और अन्य शामिल है, अब डिजिटल वेरिफिकेशन सिस्टम पर काम कर रहे है। इससे सेवा वितरण तेज़, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त हुआ है। “पटवारी से पंचायत” तक शासन का यह सुचारु विस्तार अब हकीकत बन गया है।
राज्य सरकार ने अपने प्रशासन में जवाबदेही की संस्कृति भी स्थापित की है। जिन अधिकारियों के पास लंबित कार्य शून्य है उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, जबकि काम में जानबूझकर देरी करने वालों को सख्त चेतावनी दी जा रही है। यह नया अनुशासन प्रोत्साहन और जिम्मेदारी का संतुलन बनाए हुए है, जिससे प्रत्येक अधिकारी शासन को सेवा मिशन की तरह निभा सके।
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सिस्टम को और मज़बूत बनाने के लिए पंजाब अपनी आधिकारिक सेवा पोर्टल — connect.punjab.gov.in — को नए रूप में तैयार कर रहा है, ताकि यह हर नागरिक के लिए और सरल व सुगम हो सके। चाहे कोई किसान गाँव में हो या छात्र शहर में, हर व्यक्ति अब ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकेगा बिना लंबी यात्राएं किए या कतारों में खड़े हुए।
इस सुधार का सामाजिक असर भी उतना ही बड़ा है। नागरिक अब समय और धन दोनों की बचत कर रहे है और रिश्वत व बिचौलियों से जुड़ी शिकायतें घट रही है। किसान आसानी से संपत्ति रिकार्ड प्राप्त कर पा रहे है, छात्रों को प्रमाणपत्र बिना देरी मिल रहे है और परिवार बिना महीनों इंतज़ार किए सेवाएं प्राप्त कर रहे है। सरकारी दफ्तर अब सेवा केंद्र बनते जा रहे है, अवरोधक नहीं।
पंजाब सरकार ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सेवा वितरण की निगरानी रीयल टाइम में शुरू की है। हर आवेदन — चाहे स्वीकृत हो या प्रक्रिया में — अब डिजिटल रूप से ट्रैक किया जा सकता है। इससे प्रशासन और नागरिकों के बीच भरोसा बढ़ा है और सेवा वितरण को एक कर्तव्य ही नहीं बल्कि अधिकार का स्वरूप मिला है।
पंजाब की यह उपलब्धि राज्य के लिए गर्व और देश के लिए प्रेरणा का क्षण है। तकनीक, अनुशासन और नागरिक-प्रथम नीतियों के मेल से पंजाब ने लोक सेवा का अर्थ ही बदल दिया है। पटवारी से पंचायत तक शासन का हर कदम अब एकमात्र लक्ष्य के अनुरूप है — हर नागरिक को समय पर सेवा देना।
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