Pushkar Dhami सरकार का फॉर्मूला खोजने की यह योजना, दुर्घटना में भी समान आर्थिक सहायता मिलेगी

CM Pushkar Dhami ने कहा कि सरकार को यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित परिवहन प्रदान करना सबसे महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से कभी कोई हादसा हो जाता है और उसमें जनहानि होती है तो उस स्थिति में प्रभावित परिवार को संबल देना सरकार की जिम्मेदारी है।

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वाले लोगों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता देने का मानक समान होगा। Pushkar Dhami ने अधिकारियों को फार्मूला बनाने का आदेश दिया है। वर्तमान में रोडवेज की बस और प्राइवेट ऑपरेटर की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर आर्थिक सहायता के मानकों में काफी अंतर है।

वर्तमान में राज्य में रोडवेज के साथ ही जीएमओयू, केएमओयू समेत कई प्राइवेट बस कंपनियां भी यात्री सेवाएं दे रही हैं। जिन पर्वतीय इलाकों में रोडवेज बस नहीं चलाता, वहां निजी ऑपरेटर लोगों को परिवहन की सुविधा दे रहे हैं। लेकिन किसी अनहोनी की स्थिति में मृतक यात्री के परिवार के तात्कालिक आर्थिक सहायता एक समान नहीं है।

रोडवेज बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर रोडवेज अपने पैसे से मृतक को पांच लाख रुपये देता है। इसके बाद आश्रितों व्यक्ति आयु, आर्थिक स्थिति व अन्य पहलुओं के आधार पर अधिक क्लेम के लिए दावा कर सकते हैं। प्राइवेट ऑपरेटर की बस के साथ तत्काल पांच लाख देने की सुविधा नहीं है। इसके लिए आश्रितों को बीमा कंपनी-कोर्ट में ही क्लेम करना पड़ता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार को यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित परिवहन प्रदान करना सबसे महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्य से कभी कोई हादसा हो जाता है और उसमें जनहानि होती है तो उस स्थिति में प्रभावित परिवार को संबल देना सरकार की जिम्मेदारी है।

वर्तमान में रोडवेज और अन्य वाहनों में मृतक आश्रितों को तत्काल आर्थिक सहायता का मानक अलग है। अधिकारियों को पीड़ित परिवार को अधिक धन देने के लिए समान प्रणाली बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

निजी बस मालिकों के पास तत्काल मदद के पैसे नहीं हैं

जीएमओयू के पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि निजी मोटर आपरेटर हर साल अपने वाहनों का थर्डपाटी बीमा कराते हैं। किसी दुर्घटना के मामले में आपको सिर्फ बीमा कंपनी से क्लेम करना होगा। बस मालिक के पास तत्काल सहायता देने के लिए कोई अतिरिक्त फंड नहीं होता।

रोडवेज के पूर्व जीएम दीपक जैन के अनुसार रोडवेज की बसों का बीमा नहीं होता है। रोडवेज ने इसके लिए अपना अलग से फंड रखा है। मृतक यात्री के आश्रित को तत्काल पांच लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके बाद पीड़ित अधिक क्लेम के लिए दावा कर सकते हैं। कई बार यह क्लेम एक करोड़ रुपये तक भी हो जाता है।

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