
Rajasthan: जिला श्रीगंगानगर में वर्ष 2025 में सीबीएसई/माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं महाविद्यालयों की परीक्षायें होने जा रही हैं।
Rajasthan: छात्र शान्तिपूर्वक अध्ययन कर अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें, इसके लिये वातावरण कोलाहल मुक्त रखा जाना आवश्यक है। इसके तहत परीक्षा के मद्देनजर वातावरण कोलाहल मुक्त रखने के लिये जिला मजिस्ट्रेट की ओर से ध्वनि नियंत्रण अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मंजू ने राजस्थान ध्वनि नियंत्रण (नोयसेंस कंट्रोल) अधिनियम 1963 की धारा 5 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है। आदेशानुसार जिला श्रीगंगानगर में प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों (जिसमें कोलाहल उत्पन्न हो) का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक उक्त अधिनियम में पूर्व में ही प्रतिबंधित है।
शादी समारोह, सामाजिक समारोह में रातभर ध्वनि विस्तारक यंत्र बजते रहते हैं, जो कतई उचित नहीं है, इसे रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक पूर्णत बंद रखा जाये तथा उक्त उपरांत धीमी गति में, अनुमत डेसीबल की तीव्रता तक ही ध्वनि विस्तारकों का उपयोग हो। धार्मिक स्थलों पर भजन, कीर्तन, आरती, प्रवचन इत्यादि प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किये जाये। कानून में अनुमत ध्वनि तीव्रता के अनुसार ही स्पीकर, ध्वनि विस्तारक सौम्य ध्वनि के साथ बजाया जाये।
मंदिर, मस्जिद एवं गुरूद्वारों में क्रमशः आरती, भजन एवं शब्द कीर्तन के समय एवं शादी विवाह में निकासी व ढुकाव आदि कार्यक्रमों में प्रतिबंध लागू नहीं होगा, परन्तु धीमी गति से ही ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। डीजे का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
अत्यन्त विशेष परिस्थितियों में ध्वनि प्रसारण यंत्रों की इजाजत देने हेतु संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट अधिकृत रहेंगे। इस आदेश का उल्लंघन करने पर पुलिस प्रशासन अथवा उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार द्वारा राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 6 के अंतर्गत कार्यवाही एवं भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डित कराने की कार्यवाही की जावेगी। उक्त आदेश जारी दिनांक से आगामी दो माह की अवधि तक प्रभावी रहेगा।