Sawan 2024: शिव को जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। कहीं आप भी तो जल चढ़ाते समय नहीं कर रहें हैं ये गल्तियां।
Sawan 2024: आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि के बाद श्रवण महीना शुरू होता है। शिव का महीना सावन है। इस बार सावन का महीना कल से 29 दिनों तक चलेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग, प्रीति योग और आयुष्मान योग भी सावन में बनाए जा रहे हैं। ऐसे दुर्लभ आंकड़े 72 वर्षों के बाद बन रहे हैं। पौराणिक कहानियों के अनुसार, भगवान शिव ने सावन के दौरान समुद्र मंथन से निकला विष ने पहना था, जिससे उनका शरीर तपने लगा था। ऐसे में देवताओं ने भगवान शिव को जलाभिषेक किया। सावन में शिवलिंग को जल से अभिषेक करना बहुत महत्वपूर्ण है। शिव पुराण कहता है कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। वहीं, कई बार हम जाने-अनजाने में जलाभिषेक करते समय कई गलतियाँ करते हैं। आइए शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के सही तरीके और नियमों को जानते हैं-
शिव को जल कैसे चढ़ाएं?
- शिव को जल चढ़ाने के लिए तांबे, चांदी या कांच का लोटा लें।
- शिवलिंग पर जलाभिषेक हमेशा उत्तर की ओर होना चाहिए। माना जाता है कि उत्तर की दिशा में शिवजी का बाया अंग है, जो पार्वती माता को समर्पित है।
- पहले पानी को शिवलिंग के जलाधारी की ओर चढ़ाना चाहिए, जहां गणेशजी का स्थान माना जाता है।
- अब शिवलिंग के जलाधारी के दाएं दिशा में जल चढ़ाएं, जहां भगवान कार्तिकेय की मूर्ति है।
- इसके बाद भोलेनाथ की पुत्री अशोक सुंदरी को समर्पित जलाधारी पर जल चढ़ाना चाहिए।
- अब माता पार्वती के स्थान पर शिवलिंग के चारों ओर जल चढ़ाएं।
- आखिर में शिवलिंग पर जल डालें।