Shattila Ekadashi Vrat: हिंदू धर्म में एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। एकादशी तिथि शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है।
Shattila Ekadashi Vrat: हिंदू धर्म में एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। एकादशी तिथि शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि-विधान से की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि मासिक दो बार पड़ती है। एक पक्ष में कृष्ण पक्ष और दूसरा पक्ष शुक्ल पक्ष है। साल में 24 एकादशी होती हैं। षटतिला एकादशी माघ मास की कृष्ण पक्ष में होती है। षटतिला एकादशी व्रत रखने से मोक्ष मिलता है। षटतिला एकादशी का व्रत करना हजारों वर्षों की तपस्या और स्वर्णदान से मिलने वाले पुण्य से कहीं अधिक है। 25 जनवरी को इस वर्ष षटतिला एकादशी व्रत होगा।
तिल का षटतिला एकादशी पर महत्व:
तिल का भोग लगाकर इस एकादशी को व्रत रखना चाहिए। इस दिन तिल दान करने से विशेष लाभ मिलता है। तिल की सामग्री को भोजन में भी शामिल करना चाहिए। इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए। षटतिला एकादशी पर घर पर हरिनाम संकीर्तन करना चाहिए। यही व्रत व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाता है। अगले दिन एकादशी व्रत पारण होता है। तिल का प्रयोग षटतिला एकादशी पर करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और ग्रहों की स्थिति ठीक रहती है। षटतिला एकादशी व्रत रखने से परिवार की दरिद्रता दूर होती है।षटतिला एकादशी के दिन विधिवत भगवान विष्णु की काले तिलों से पूजा करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं। इससे रोग, दोष और भय से छुटकारा मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना और काले तिल के पानी से स्नान करना महत्वपूर्ण है।
इन चीजों को दान करें-
पौराणिक कथाओं के अनुसार षटतिला एकादशी पर काले तिल, काली गाय के दान करने से हजारों वर्षों की तपस्या का फल प्राप्त होता है।