Shiv Puja: 4 जून को बन रहा अद्भुत संयोग, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत साथ होगी, लेकिन अलग-अलग है पूजन का समय

Shiv Puja ( शिव पूजा):

Shiv Puja: 4 जून, मंगलवार, एक अद्भुत संयोग के साथ Shiv Puja का दिन है। 4 जून को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत होंगे। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत करके उनकी असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जबकि मासिक शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाता है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र ने बताया कि 4 जून को ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि और भौम प्रदोष के साथ शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग भी होंगे। शिवरात्रि और प्रदोष व्रत की पूजा के अलग-अलग मुहूर्त हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

4 जून को मासिक शिवरात्रि के साथ प्रदोष व्रत

हम भौम प्रदोष व्रत की चर्चा करेंगे। 4 जून को ज्येष्ठ पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो 12:18 AM से 10:01 PM तक है, इसलिए इस दिन ज्येष्ठ और जून का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को 4 जून को रखा जाएगा क्योंकि प्रदोष काल 4 जून को है।

मासिक शिवरात्रि 4 जून की रात 10:01 PM से शुरू होगी और 5 जून को 07:54 PM तक चलेगी। 4 जून की रात निशिता काल पूजा मुहूर्त शिवरात्रि व्रत के लिए मान्यता प्राप्त है। 5 जून की शाम को ही चतुर्दशी तिथि खत्म होगी। ऐसे में 4 जून को ज्येष्ठ की मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाएगी।

शिवरात्रि और प्रदोष के पूजा मुहूर्त अलग हैं

अब यह तय है कि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि 4 जून को एक ही दिन रखा जाएगा, लेकिन Shiv Puja का समय अलग है। प्रदोष व्रत की पूजा शाम 07:16 PM से रात 09:18 PM तक होती है, जबकि मासिक शिवरात्रि की निशिता काल पूजा 11:59 PM से 12:40 AM तक  है।

इस समय शिव पूजा करें

इस दिन शिवजी के दो व्रत हैं। इसलिए आप शाम को प्रदोष व्रत और शिवरात्रि की पूजा शाम के समय करें। शिवरात्रि की पूजा कभी भी कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष की पूजा सूर्यास्त के बाद करनी चाहिए। 4 जून को आप शिवरात्रि और प्रदोष दोनों की पूजा एक साथ करना चाहते हैं तो इसे 07:16 PM से रात 09:18 PM के बीच करें।

4 जून को सर्वार्थ सिद्धि और शोभन योग

4 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग रात 10:35 बजे से 05:23 AM तक चलेगा। यही कारण है कि शोभन योग प्रातःकाल से सुबह 06:12 बजे तक है।

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