शिव भजन: सावन में “हर हर भोले नमः शिवाय” का महत्व और ध्यानशील मंत्र

शिव भजन: सावन में शिव आराधना का विशेष महत्व है। पढ़ें और सुनें भगवान शिव का लोकप्रिय भजन ‘हर हर भोले नमः शिवाय’ जो आपको देगा मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा

शिव भजन: सावन माह हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना और भक्ति का पवित्र समय माना जाता है। इस मास में किया गया शिवभजन, जैसे “ॐ नमः शिवाय” और “हर हर भोले नमः शिवाय”, न सिर्फ मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। आइए जानते हैं कैसे इस लोकप्रिय भजन को सुनना और पढ़ना आपकी आध्यात्मिक यात्रा को मजबूती देता है।

शिव भजन और आरती का आध्यात्मिक महत्व

सावन के महीने में शिवभजन और आरती का आयोजन बेहद फलदायी होता है। ‘ॐ नमः शिवाय’ ईश्वर भक्ति का मूल मंत्र है, जिसका जाप चित्त को शांत करता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। इसी तरह “हर हर भोले नमः शिवाय” बोलने और सुनने से भक्त का आत्मविश्वास और विश्वास एक मजबूत स्थिरता प्राप्त करता है। यह भजन शिव जी के भोलेपन और शक्ति का गुणगान करता है और भक्त को उनके नित नये नामों के माध्यम से उनके विविध रूपों की अनुभूति कराता है।

पढ़ें लोकप्रिय शिव भजन (Shiv Bhajan)– “हर हर भोले नमः शिवाय”

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

महाकालेश्वराय महाकालेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

महाकालेश्वराय महाकालेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ सोमेश्वराय शिव सोमेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

जटाधराय शिव जटाधाराय

हर हर भोले नमः शिवाय

जटाधराय शिव जटाधाराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

कोटेश्वराय शिव कोटेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

कोटेश्वराय शिव कोटेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

त्रम्भकेशवराय शिव त्रम्भकेशवराय

हर हर भोले नमः शिवाय

त्रम्भकेशवराय शिव त्रम्भकेशवराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ रामेश्वराय शिव रामेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ रामेश्वराय शिव रामेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ विश्वेश्वराय शिव विश्वेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ भद्रेश्वराय शिव भद्रेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ भद्रेश्वराय शिव भद्रेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ योगेश्वराय शिव योगेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ योगेश्वराय शिव योगेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ ममलेश्वराय शिव ममलेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ ममलेश्वराय शिव ममलेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ भीमेश्वराय शिव भीमेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ भीमेश्वराय शिव भीमेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ गंगाधाराय शिव गंगाधाराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ गंगाधाराय शिव गंगाधाराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ गंगेश्वराय शिव गंगेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ गंगेश्वराय शिव गंगेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमह शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ कामेश्वराय शिव कामेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ कामेश्वराय शिव कामेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ रुद्रेश्वराय शिव रुद्रेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ रुद्रेश्वराय शिव रुद्रेश्वराय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नम शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

हर हर भोले नमः

also read:- सपने में सांप का काटना: स्वप्न शास्त्र से जानिए क्या है…

Exit mobile version