धर्म

Somvati Amavasya पर कौओं और मछलियों को चारा खिलाना शुभ होता है ज्योतिर्विद ने ये उपाय बताए 

Somvati Amavasya: सोमवार और मंगलवार दोनों दिन अमावस्या है। इसलिए, इस बार एक अमावस्या और एक सुंदर संयोग मिल रहा है। कुशोत्पाटिनी अमावस्या जिसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

Somvati Amavasya: ज्योतिर्विद दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि सोमवती अमावस्या और भौमवती अमावस्या का योग 2 सितंबर 2024, भाद्रपद कृष्ण पक्ष अमावस्या को होगा। रविवार, 1 सितंबर 2024 को रविवार की रात 4:54 बजे से अमावस्या शुरू होगी, जो पूरे दिन 2 सितंबर को चलेगी और मंगलवार, 3 सितंबर को सुबह 6:00 बजे तक चलेगी।

इसलिए सोमवार और मंगलवार दोनों अमावस्या तिथि हैं। इसलिए, इस बार एक अमावस्या और एक सुंदर संयोग मिल रहा है। सोमवती अमावस्या, जिसे कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी कहते हैं, मंगलवार को होती है, इसलिए इसे भौमवती अमावस्या भी कहते हैं।

महिलाएं पीपल की जड़ पर भगवान विष्णु का निवास मानते हुए 108 बार पीपल की परिक्रमा करती हैं और पूजन करती हैं।

माना जाता है कि इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में भगवान विष्णु का निवास है, इसलिए इस दिन पीपल की जड़ की पूजा करने और 108 बार “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:” का जप करने से पितरो की आत्मा को शान्ति मिलती है।

इस दिन भगवान शिव का पूजन  अर्चन करना अच्छा होता है !

सूर्य देव को अमावस्या के दिन अर्घ्य देकर पवित्र सरोवर, नदी, तालाब या कुंड में स्नान करने से जीवन में यश, कीर्ति और शांति मिलती है।

गरुड़ पुराण कहता है कि सोमवार की अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष मिलता है और इस दिन किए गए दान का बहुत महत्व है।

सोमवती अमावस्या पर कौओं, मछलियों और गायों को चारा और गुड़ की बनी मीठी रोटी खिलाना चाहिए, क्योंकि इससे सुख मिलता है और पितरो की आत्मा शांत होती है। राहु का शुभ प्रभाव भी प्राप्त होता है।

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