Google CEO सुंदर पिचाई ने कर्मचारियों से AI को तेजी से अपनाने की अपील की। कंपनी जल्द लॉन्च करेगी AI ट्रेनिंग प्रोग्राम, जिससे बढ़ेगी वर्कफ्लो एफिशिएंसी और कम होंगे खर्च।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी के कर्मचारियों से अपील की है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपने वर्कफ्लो का अहम हिस्सा बनाएं और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में इसका इस्तेमाल करें। हाल ही में हुई ऑल-हैंड्स मीटिंग में पिचाई और अन्य टॉप लीडर्स ने स्पष्ट संकेत दिया कि गूगल अब कॉस्ट कटिंग, कम संसाधनों में ज्यादा काम और AI इंटीग्रेशन की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।
क्यों दिया गया AI को अपनाने का संदेश? (सुंदर पिचाई)
पिचाई ने कहा, “जब आप बड़े निवेश के दौर में होते हैं तो कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि होती है, लेकिन अब AI के युग में हमें इस तकनीक का पूरा लाभ उठाना होगा। कम संसाधनों के साथ अधिक आउटपुट देना अब हमारी प्राथमिकता है।”
गूगल अब न्यूनतम संसाधनों में अधिक प्रभावशाली परिणाम लाने के लिए अपने कर्मचारियों को AI टूल्स के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षित करेगा।
जल्द शुरू होगा AI ट्रेनिंग प्रोग्राम
गूगल के वाइस प्रेसिडेंट ब्रायन सलुज्जो के मुताबिक, कंपनी अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स के लिए एक विशेष AI ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने जा रही है। इस प्रोग्राम का नाम “Building with Gemini” रखा गया है, जिसे गूगल की AI रिसर्च यूनिट DeepMind के सहयोग से तैयार किया गया है।
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AI टूल ‘Cider’ बन रहा इंजीनियरों की पहली पसंद
ब्रायन सलुज्जो ने बताया कि गूगल का नया AI कोडिंग टूल Cider, जिसे मई में लॉन्च किया गया था, अब कंपनी के लगभग 50% इंजीनियर्स हर हफ्ते इस्तेमाल कर रहे हैं। यह टूल कोड डेवलपमेंट प्रोसेस को सरल और तेज़ बनाने में मदद कर रहा है। जल्द ही ये टूल गूगल के इंजीनियरिंग वर्कफ्लो का स्थायी हिस्सा बन सकता है।
बदलती कार्यशैली और वैश्विक AI दौड़
सुंदर पिचाई के इस बयान को बिल गेट्स द्वारा AI के भविष्य पर दिए गए हालिया विचारों से जोड़कर देखा जा रहा है। जहां दुनिया भर की टेक कंपनियां AI को अपने सिस्टम में इंटीग्रेट कर रही हैं, वहीं गूगल अब इस दिशा में और आक्रामक रणनीति अपना रहा है।
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