Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नोएडा प्राधिकरण ने सवा साल बाद भी 43 किसानों को मुआवजा नहीं दिया। इसके परिणामस्वरूप सेक्टर-145 में लगभग 2250 आवंटियों को जमीन देने का मामला उठाया गया है।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नोएडा प्राधिकरण ने सवा साल बाद भी 43 किसानों को मुआवजा नहीं दिया। इसके परिणामस्वरूप सेक्टर-145 में लगभग 2250 आवंटियों को जमीन देने का मामला उठाया गया है। ये आवंटी लगभग आठ साल से प्लॉट पाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
2008 से 2013 के बीच, नोएडा प्राधिकरण ने बेगमपुर, मंगरौली, छपरौली, मोहियापुर, गुलावली, लखनावली, आली, नाथुपुर और अन्य गांवों के लोगों से जमीन खरीद ली। वर्तमान में सेक्टर-145 इन गांवों के किसानों की जमीन पर बना है। जमीन अधिग्रहण के बदले मिलने वाली मुआवजा राशि से खुश नहीं होने के कारण बहुत से किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया। इसको लेकर चार दर्जन से अधिक किसानों ने बारह याचिकाओं के अंतर्गत हाईकोर्ट में वाद दायर किया था। इन कृषकों के पास लगभग 250 बीघा जमीन है।
मामले में सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि इस भूमि पर सेक्टर-145 बनाया गया है। 13 सितंबर 2019 को हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि जिन किसानों ने मुआवजा नहीं उठाया है, उनको आज का बाजार मूल्य दिया जाएगा। नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की। 9 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने भी किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन मुआवजा दर पर स्पष्ट आदेश नहीं दिया। इस बार 17 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फिर से फैसला सुनाते हुए वर्ष 2013 के नए कानून के तहत मुआवजा देने का आदेश दिया।
बेगमुपर गांव के रघुराज सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर नोएडा प्राधिकरण और प्रशासन के अधिकारियों से कई बार बाजार दर पर मुआवजा देने की मांग की जा चुकी है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
खरीदारों ने प्रदर्शन एक सप्ताह पहले किया था
नोएडा प्राधिकरण ने लगभग आठ साल पहले 2200 प्लॉट आवंटित किए थे। किसानों को मुआवजा नहीं देने के कारण आवंटियों को प्लॉट पर अधिकार नहीं मिल सका है। इन खरीदारों ने भी रविवार को एक सप्ताह पहले साइट पर प्रदर्शन किया था।
कई किसानों की मौत हो चुकी
जिन किसानों ने कोर्ट में अपील की थी, उनमें से कई मर चुके हैं। अब उनके पति, पत्नी या बच्चे अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
किसान मांग उठा रहे
2019 में छह अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश से पहले ही नए सर्किल रेट लागू किए गए थे। उस समय इस क्षेत्र का सर्किल रेट 35 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर था। किसान आज भी इस रेट के आधार पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जो प्राधिकरण ने नहीं दिया था।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम. ने कहा, “प्राधिकरण स्तर पर सेक्टर-145 मामले का समाधान निकालने के लिए प्रयास चल रहे हैं। यह मामला जल्द ही निर्णय लेकर बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा, ताकि इसका समाधान हो सके।:”