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UPSC Success Story: बिहार के लाल ने 21 की उम्र में असिस्टेंट कमांडेंट बने, 23 की उम्र में पास की UPSC परीक्षा ।

UPSC Success Story:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करके IAS-IPS बनने का सपना लाखों युवा देखते हैं। संघर्ष की कुछ कहानियां दिल को छू लेती हैं, तो कई प्रतिभाओं को सम्मान के लिए आमंत्रित किया जाता है। बिहार के एक छोटे से गांव में जन्मे नवनीत आनंद की भी ऐसी ही कहानी है। जो महज 21 साल की उम्र में CISF में असिस्टेंट कमांडेंट बने और 23 साल की उम्र में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की। आइए जानते हैं नवनीत के बिहार गांव हरभंगा से देश की सबसे कठिन परीक्षा पास करने तक की यात्रा के बारे में।

23 साल की उम्र में बिहार के पूर्णिया जिले के छोटे गांव हरभंगा के निवासी नवनीत आनंद ने दो बड़ी भर्ती परीक्षाएं पास की हैं। महज 21 साल की उम्र में वह CISF में असिस्टेंट कमांडेंट बन गया। 2023 में 23 वर्ष की उम्र में उसने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। नवनीत ने इसमें 499 रैंक हासिल की है। वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के फाइनल रिजल्ट के समय असिस्टेंट कमांडेंट की ट्रेनिंग कर रहे थे।

फैमिली बैकग्राउंड नवनीत आनंद का खेती-बाड़ी का है। इसके बावजूद, उनके माता-पिता ने उन्हें तीसरी कक्षा में ही सैनिक स्कूल, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में पढ़ने के लिए भेजा। नवनीत ने बताया कि मैंने यहां आठ साल तक अध्ययन किया था। इस स्कूल ने मेरा व्यक्तित्व विकसित किया। आज मैं जो हूँ, इसमें सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ का महत्वपूर्ण योगदान है।

नवनीत का बचपन अच्छा था। लेकिन सातवीं कक्षा में एक ऐसी दुर्घटना हुई, जिसने उनके जीवन को बहुत बदल दिया। एक दिन उनके पिता एक सड़क हादसे में मर गए। तब उनकी मां परिवार की जिम्मेदारी आई। नवनीत ने अपनी मां को लोगों की असंवेदनशील टिप्पणियों और आर्थिक तंगी से जूझते देखा। यह देखकर उनके मन में मां को सम्मान देने और कुछ करने की इच्छा जगी।

नवनीत ने नेशनल डिफेंस एकेडमी में पढ़ाई करनी चाही। लेकिन मायोपिया ने उनका सपना पूरा नहीं किया। लेकिन उन्होंने संकट से विचलित नहीं हुए और एक नई चाल अपनाई। उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री अंबेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली से हासिल की और अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में लग गए।

नवनीत को पढ़ाई के अलावा चित्रकला और बॉस्केटबॉल खेलना भी अच्छा लगता है। वह पुस्तकालय में हर दिन दो या तीन घंटे पढ़ाई करता था। बॉस्केटबॉल और चित्रकला तनाव कम करने के लिए थेरेपी हैं। वह खुद को तरोताजा रखने के लिए ये दो चीजें करता है। नवनीत ने बताया कि वह राष्ट्रीय स्तर पर बॉस्केटबॉल खेलते हैं।

2021 में नवनीत ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा दी। इसके बाद 2022 में दी। वह दोनों बार प्रीलिम्स पास नहीं कर सका। लेकिन उन्होंने इस विफलता को अपने ऊपर नहीं लाया। नवनीत ने सीडीएस, यूजीसी नेट जेआरएफ और सबसे महत्वपूर्ण UPSC सीएपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती परीक्षाओं में प्रथम स्थान हासिल किया। जिसमें उन्होंने 37वीं स्थान हासिल किया था। उनकी इस बैकअप योजना ने उन्हें तैयार करने में काफी मदद की।

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