गणेश चतुर्थी 2025 पर चंद्रमा देखना क्यों वर्जित है? जानें श्रीकृष्ण पर लगे चतुर्थी के कलंक की कथा, चंद्र दर्शन से बचने के उपाय और दोष निवारण के प्रभावशाली मंत्र।
हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व इस वर्ष 27 अगस्त 2025 को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन गणपति बप्पा के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है। हालांकि इस शुभ दिन के साथ एक विशेष सावधानी भी जुड़ी हुई है- गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन वर्जित माने गए हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति को झूठे आरोप और कलंक का सामना करना पड़ सकता है। यह दोष इतना प्रभावशाली माना गया है कि भगवान श्रीकृष्ण को भी इससे नहीं बख्शा गया था। आइए जानते हैं इस मान्यता के पीछे की कथा, इसके दुष्परिणाम, और इससे बचने के प्रभावशाली उपाय।
श्रीकृष्ण पर क्यों लगा था कलंक?
पुराणों के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण ने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन अनजाने में चंद्रमा को देख लिया था। इसके तुरंत बाद उन पर स्यमंतक मणि की चोरी का आरोप लग गया। यह घटना इतनी प्रसिद्ध हुई कि आज भी लोग इस दिन चंद्र दर्शन करने से डरते हैं।
चतुर्थी पर चंद्र दर्शन क्यों वर्जित है?
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में मूषक का संतुलन बिगड़ा और गणेश जी गिर पड़े। यह दृश्य देखकर चंद्रमा हंसने लगे। इससे नाराज होकर गणेश जी ने चंद्रदेव को श्राप दिया कि “जो भी व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को तुम्हारे दर्शन करेगा, वह झूठे आरोपों और अपमान का शिकार होगा।”
अगर गलती से चंद्रमा देख लिया जाए तो क्या करें?
अगर भूलवश गणेश चतुर्थी के दिन आपने चंद्रमा को देख लिया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। नीचे बताए गए प्रभावी उपायों को अपनाकर आप कलंक दोष से मुक्ति पा सकते हैं:
1. श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए मंत्र का जप करें:
यह विशेष मंत्र कलंक दोष निवारण के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है:
“सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमंतकः॥”
इस मंत्र का 21, 51 या 108 बार जप करने से आप चंद्रदर्शन के दोष से मुक्त हो सकते हैं।
2. गणेश जी की विधिवत पूजा करें:
गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने के बाद भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। पूजा में मोदक, दूर्वा, लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें और उनसे क्षमायाचना करें।
3. गणेश गायत्री मंत्र का जप करें:
“ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्॥”
इस मंत्र का जप करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और कलंक से रक्षा होती है।
सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय
गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा के दर्शन से बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि इस दिन चंद्रमा की दिशा में देखने से बचें। यदि संभव हो तो उस दिन चंद्र उदय और चंद्रास्त के समय की जानकारी प्राप्त कर लें और उसी अनुसार सतर्कता बरतें।
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