सप्तमी तिथि शोर देखो समर्पित है समान जाता है कि भगवान सूर्य देव ने अचला यार सप्तमी के दिन दुनिया को ध्यान देना प्रारंभ किया था जिस सूरज का जन्मदिवस की रुप में मनाया जाता है यह दिन शुरू जानती के नाम से भी प्रचलित है चल अष्टमी का दिन बेदी शुभ दिन माना जाता है इन भगवान श्री की पूजा और रेत कहने से सभी प्रकार के पापों से मुक्त पता है।
आइए हम आपको बताते हैं अचला सप्तमी का शुभ मुहूर्त महत्व और उपाय–
अचला सप्तमी सोमवार को यानी 7 फरवरी 2022 को है। अचला सप्तमी के दिन सुबह स्नान का मुहूर्त सुबह 5:22 से लेकर सुबह 7:00 बज के छह मिनट तक का है।
अचला सप्तमी के दिन अरुणोदय सुबह 6 बजकर 41 मिनट का है।
अचला सप्तमी के दिन का अवलोकनीय सूर्योदय सुबह 7 बजकर 6 मिनट का है।
अचला सप्तमी का आरंभ 7 फरवरी को सुबह 4 बजे 37 मिनट से शुरू होगा। और इसका समापन 8 फरवरी को सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर होगा।
आइए आपको बताएं अचला सप्तमी का महत्व–इस दिन जो भी उपवास रखता हो उसे अरुणोदय में स्नान कर लेना चाहिए। अरुणोदय के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करने से सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिल जाता है अचला सप्तमी को रथा सप्तमी और अरोग्य सप्तमी के नाम। से भी जाना जाता है।
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पूजा विधि–
अचला सप्तमी के दिन ब्रहम मूरत ने स्नान कर जल के कलश में लाल फूल डालकर सूर्य देव को अरघ देना चाहिए जी का दिया जला कर भगवान सूर्य देव की आरती करनी चाहिए ऐसी मानता है कि ऐसा करने से आरोग्यता का आशीर्वाद देते है।
अचला सप्तमी के उपाय–अचला सप्तमी के दिन पीले कनेर के फूल से सूर्य देव की पूजा करने से सभी परेशानियों का निवारण हो जाता है।
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अगर आर्थिक स्थिति खराब है तो सूर्य देव को लाला कनेर के फूल अर्पित करना चाहिए।
भगवान सूर्य को लाल कनेर के फूल चढ़ाने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
अगर लाल रंग की गाय को गुड़ खिलाया जाए तो नौकरी में उन्नति मिलती है।
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लाला कपड़े में गेंहू और गुड़ की पोटली बनाकर अगर आप दान करते है तो आपके मन की इच्छापूर्ति होती है।
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