उदित राज ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?,  ‘पांच साल और रहे तो देश…’

उदित राज

कांग्रेस प्रत्याशी उदित राज ने सीबीआई-ईडी रेड पर प्रधानमंत्री के बयान पर कहा कि तीन फीसदी राजनेताओं पर कार्रवाई में विपक्ष के शत प्रतिशत नेता हैं।

कांग्रेस की टिकट पर उत्तर पश्चिम दिल्ली की संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे उदित राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। “आज दक्षिण भारत में बेचैनी क्यों है? सरकार ने कई बिलों को रोका है। प्रधानमंत्री जी ने असमानता को पीछे छोड़ दिया है। यदि ये पांच साल और रहेंगे, तो देश को विभाजित कर देंगे।”

उदित राज ने कहा, “जब भारत आजाद हुआ था, तब देश में सुई तक नहीं बनती थी।” इन्हें असमानता और घृणा का भारत नहीं मिला। भारत में सबसे अधिक पीड़ित युवा हैं। इन्होंने देश को नष्ट कर डाला। प्रेस और हंगर के कार्यकाल में इस तरह की गिरावट पहले कभी नहीं हुई थी।”

उनका कहना था कि प्रधानमंत्री कहते हैं, “भारत तरक्की कर रहा है। जबकि आठ करोड़ लोग सिर्फ पांच किलो राशन पर जीते हैं।बीजेपी के संकल्प पत्र को जुमला पत्र बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 30 लाख लोगों को नौकरी, MSP, कर्ज माफी, महिला न्याय और युवा न्याय सहित पांच न्यायों का वादा किया है।

सीबीआई-ईडी के निशाने सभी नेता विपक्षी क्यों?

दिल्ली से कांग्रेस के प्रत्याशी उदित राज ने प्रधानमंत्री द्वारा सीबीआई-ईडी रेड पर दिए गए बयान पर कहा कि सीबीआई-ईडी कार्रवाई में तीन फीसदी राजनेताओं पर शत प्रतिशत विपक्ष के नेता हैं। अपनी पार्टी ने अजित पवार, रेड्डी ब्रर्दर, अशोक चौहान, छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल को शामिल किया। बीजेपी से जुड़े लोगों को जेल में डाल देते हैं जो इसे नहीं मानते हैं। बीजेपी में शामिल होने वालों को क्षमा की जाती है।

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चुनाव आयोग ने पीएम को अभी तक नोटिस नहीं दिया

प्रधानमंत्री मोदी को चुनाव आयोग से कोई सूचना नहीं मिली। जबकि राहुल गांधी को कंडक्ट का मॉडल कोड दिखाया जाता है। 28 पार्टियों का गठबंधन चुनाव आयोग से बातचीत करने के लिए समय मांग रहा है, लेकिन उनके पास समय नहीं है। कांग्रेस के चुनाव आयोग में राव जी और टी एन शेषण भी शामिल थे। संसद में प्रस्ताव पारित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज को चुनाव आयोग की नियुक्ति में बाहर करते हुए कहा कि ये निष्पक्ष हैं। इंदिरा गांधी की शक्ति ने बंग्लादेश को दो भागों में बांट दिया। उस समय की मीडिया भी अलग थी, बावजूद इसके कि उनका चुनाव इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

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