हिजाब विवाद के चलते कर्नाटक में यूनिवर्सिटी और कॉलेज 16 फरवरी तक रहेंगे बंद

कर्नाटक सरकार ने हिजाब पर चल रहे विवाद को देखते हुए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 16 फरवरी तक छुट्टियां बढ़ा दी। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री अश्वत्थ नारायण ने कहा कि वर्तमान समय में कक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी, लेकिन परीक्षाएं समय पर ही होंगी। आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने दसवीं कक्षा तक के स्कूलों में 14 फरवरी से कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया था और यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेज की कक्षायें इसके बाद शुरू होनी थी।

कर्नाटक के संवेदनशील इलाकों में कोई अप्रिय घटना ना हो इसके लिए कर्नाटक सरकार ने पुलिस अधिकारियों को शैक्षणिक परिसरों का दौरा करने का निर्देश दिया और इसके साथ ही पुलिस प्रशासन से शांति बनाए रखने के लिए उडुपी में लगातार फ्लैग मार्च करने के आदेश दे दिए है। कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने स्थानीय प्रशासन को किसी भी ऐसी घटना की स्थिति में ऊपर से आदेश की प्रतीक्षा करने के बजाय स्थिति को देखते हुए कार्य करने और तत्काल एक्शन लेने का अधिकार भी दे दिया है।
वही उडुपी से भाजपा विधायक के. रघुपति भट्ट ने हिजाब मामले के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने की मांग की। आपको बता दें कि हिजाब से जुड़ा विवाद उडुपी के एक सरकारी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज से उठा था भाजपा विधायक रघुपति भट्ट कॉलेज विकास समिति के अध्यक्ष भी हैं और उनका कहना है कि हिजाब पहने 6 कॉलेज जाने वाली लड़कियों ने पिछले साल 2021 में अक्टूबर – नवंबर महीने में ट्विटर अकाउंट खोले थे और केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) द्वारा राष्ट्र विरोधी बयान भी पोस्ट किए थे उन्होंने आगे कहा कि मासूम मुस्लिम लड़कियों का ब्रेनवाश किया जा रहा है और इन्हें धार्मिक कट्टरवाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि धर्म या पसंद के नाम पर किसी भी व्यक्ति को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने सभी याचिकाओं की सुनवाई लंबित रहने तक स्कूलों, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों में कक्षाओं में हिजाब, दुपट्टा, भगवा गमछा या किसी भी तरीके की धार्मिक परिधान पर रोक लगा दी है। आगामी 14 फरवरी को हाई कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा। पूर्ण पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही कि भारत कई संस्कृतियों, धर्मों एवं भाषाोओं वाला देश है, एक धर्मनिरपेक्ष देश होने के नाते भारत की पहचान एक धर्म नहीं है सभी को अपने धर्म का पालन करने और आचरण करने की स्वतंत्रता मिलती है।

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