UP News: पंचायत चुनाव से पहले ओपी राजभर ने योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी से मुलाकात कर ओबीसी आरक्षण में कोटे में कोटे की मांग उठाई। जानें यूपी में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर उठे विवाद और राजभर की राजनीतिक रणनीति।
UP News: उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश (ओपी) राजभर ने पंचायत चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए योगी सरकार और केंद्र सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोटा में कोटे के मुद्दे पर मुलाकात की, जिसमें पिछड़ा और अनुसूचित वर्ग के आरक्षण के बंटवारे की मांग की गई। इसके साथ ही ओपी राजभर जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस प्रस्ताव को लेकर दिल्ली में मुलाकात करेंगे।
ओपी राजभर की कोटे में कोटा की मांग
ओपी राजभर ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति आरक्षण के तहत अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए अलग-अलग कोटा देने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि वर्तमान व्यवस्था में आरक्षण का लाभ केवल कुछ चुनिंदा जातियों को मिल रहा है, जबकि बड़ी संख्या में पिछड़ी जातियां इससे वंचित हैं। उदाहरण के तौर पर, पुलिस भर्ती परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल 19000 से ज्यादा मजबूत ओबीसी जातियां उठा रही हैं।
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UP News: सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर जोर
ओपी राजभर ने कहा कि 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के कार्यकाल में हुकुम सिंह की अध्यक्षता में बनी सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट में ओबीसी आरक्षण को तीन भागों में बांटने की सिफारिश की गई थी। इसके मुताबिक पिछड़ी जाति को 7%, अति पिछड़ी जाति को 9% और सर्वाधिक पिछड़ी जाति को 11% आरक्षण दिया जाना चाहिए। हालांकि, इस रिपोर्ट को अब तक लागू नहीं किया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के आरक्षण कोटे के उपवर्गीकरण को भी लागू किया जाना चाहिए।
योगी सरकार पर दबाव और आगे की रणनीति
UP News: ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान अपने प्रस्ताव को रखा और जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से भी इसे लेकर चर्चा करेंगे। इस दौरान उनके साथ उनके पुत्र और सुभासपा महासचिव अरुण राजभर भी मौजूद रहे। इस कदम को पंचायत चुनाव से पहले एक बड़ी राजनीतिक चाल माना जा रहा है।
राजभर की इस मांग को लेकर राजनीतिक दलों में भी चर्चा तेज हो गई है, खासकर जब तीन दिन पहले उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जन्मदिन की अनोखी बधाई दी थी। पिछली चुनावी रणनीतियों को देखें तो ओपी राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ रहकर चुनाव लड़ा, फिर सपा का साथ दिया और अब पुनः भाजपा के साथ अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं।
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