UP News: योगी सरकार द्वारा जारी आदेश, वन विभाग बहराइच में आदमखोर भेड़ियों को मारेगा
UP News: बहराइच को जल्द ही आदमखोर भेड़ियों से छुटकारा मिल सकता है। जरूरत पड़ने पर वन विभाग उन्हें मार भी सकता है। मुख्य सचिव ने वन विभाग को आदेश दिया है।
UP News: विभाग केस टू केस बेसिस पर फैसला करेगा। उधर, सीएम योगी ने मानव और वन्य जीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
यूपी के बहराइच में जल्द ही आदमखोर भेड़ियों का आतंक खत्म हो जाएगा। वन विभाग भेड़ियों को मार भी सकता है अगर आवश्यक हो। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का आकलन किया। उन्होंने संवेदनशील जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए, क्योंकि वे वन्य जीवों और मनुष्यों के बीच संघर्ष का खतरा हो सकता है। कहा कि वन्य जीवों के संकटग्रस्त क्षेत्रों में सुरक्षा के सभी उपाय किए जाएं। CM के निर्देश के बाद भी बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए उन्हें मारने की अनुमति दी जाएगी। यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने जारी किया है। विभाग केस टू केस बेसिस पर मरम्मत करेगा।
CM योगी के निर्देश पर वन विभाग ने भेड़िए के आतंक से प्रभावित बहराइच में 10 और टीमें भेज दी हैं। बहुत से जिलों के डीएम ने टीमें बनाने और समय पर आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार शाम, मुख्यमंत्री ने बहराइच, श्रावस्ती, सीतापुर, गोंडा और अन्य जिलों के डीएम, पुलिस कप्तानों और वन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करके तेंदुआ और भेड़िया हमलों से उपजी परिस्थितियों की समीक्षा की। वन हमले में मौत पर राज्य सरकार चार लाख रुपये और वन विभाग एक लाख रुपये देता है। घायल व्यक्ति को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए 28 टीमें लगीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में पिछले कुछ दिनों से आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले की सूचना मिली है। वे इन घटनाओं को नियंत्रित करने और वन्यजीवों को पकड़ने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश देते थे। उन्होंने प्रभावित जिलों में प्रशासन, पुलिस, वन, स्थानीय पंचायतों और राजस्व विभाग को लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में व्यापक जन जागरूकता फैलाने का आदेश दिया। मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए 28 टीमें लगाई गई हैं।
अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति का आदेश
वन मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना ने बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बिजनौर और अन्य जिलों में तुरंत अतिरिक्त वन कर्मचारियों की तैनाती करने के निर्देश दिए। ज्वाइंट पेट्रोलिंग को भी बढ़ाने का आदेश दिया। वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में कैम्प करने, जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने और पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है जहां लाइट की समस्या है। बहराइच में दस और टीमें बढ़ी हैं। 18 टीमें पहले से इसमें शामिल हैं। जिन जिलों में हिंसा नहीं हुई है, उनके अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में नियुक्त किया गया है। विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।
बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी, सीतापुर जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और लखीमपुर खीरी जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित अपने-अपने जिलों में पुलिस, वन, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें वन कर्मियों की एक टीम रोजाना जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों और रेंज स्तर पर वन क्षेत्रों में गश्त करती है। इसकी जानकारी रजिस्टर पर अंकित करें।
आरक्षित वन क्षेत्रों से लगे गांवों में बैठकें आयोजित कर वन्य जीवों से सावधानी बरतने के लिए ग्रामीणों को सजग किया जाए। ग्रामीणों को बताया जाए कि वे खेतों में खेती करने के लिए समूहों में आवाज करते हुए जाएं, जिससे वन्य जीव रास्ते से हट जाएं। मानव-वन्यजीव के संबंध में संवेदनशील क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके अलावा, सभी को अंधेरे में जाने पर अपनी सुरक्षा के लिए कोई सामना साथ में रखने की सलाह दी गई है।
वाहन से टकराकर गुलदार मर गया
बिजनौर-नजीबाबाद रोड पर गुलदार को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। वन विभाग की एक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर गुलदार को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सोमवार सुबह बिजनौर-नजीबाबाद रोड पर ग्राम पैदा के पास एक मृत गुलदार पड़ा मिला, जिसकी सूचना पाकर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने जांच पड़ताल के बाद गुलदार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
रामपुर में एक और तेंदुआ कैद
रामपुर में एक और तेंदुआ, जो लंबे समय से आतंक का कारण बन गया था, पकड़ा गया। वह एक हफ्ते से अधिक समय से कोसी नदी के किनारे बसे गांवों में भयभीत था। वह ग्रामीण जानवरों को मार डाला था। उसकी तलाश में वन विभाग लगातार काम कर रहा था। सोमवार सुबह वन विभाग ने उसे एक पिंजरे में डाल दिया।
अब तक खीरी में 10 लोगों की मौत
जनवरी से अब तक, लखीमपुर खीरी जिले में बाघ, तेंदुआ और भेड़िए के हमले में दस लोग मारे गए हैं। इसके अलावा पीलीभीत भी निशाना बनाया गया है।
प्रदेश में अब तक 21 आपदाएं दर्ज की गई हैं
- आपदाओं में शामिल हैं बाढ़, सूखा, अग्निकांड, ओलावृष्टि, कोहरा-शीतलहरी, बादल फटना, भूकंप-सुनामी, चक्रवात, भू-स्खलन, कीट आक्रमण और हिमस्खलन।
- बेमौसम भारी वर्षा-अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई-गैस रिसाव और बोरवेल में गिरना
- राज्य सरकार ने बाघ, तेंदुएं, हाथी, जंगली कुत्ते, सांड, भेड़िए, सियार या अन्य वन्य जीवों के हमले में मौत पर चार लाख रुपये और वन विभाग ने एक लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी।