उत्तराखंड में 17 सितंबर से दो अक्तूबर के बीच स्वच्छोत्सव के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों का निर्धारण करने के लिए एक बैठक हुई।
17 सितंबर को उत्तराखंड में स्वच्छता ही सेवा (स्वच्छोत्सव) अभियान का शुभारंभ होगा। इस दौरान सफाई अभियान को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा, जिससे नवरात्र के दौरान हर दिन एक नया लक्ष्य लिया जाएगा। पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में स्वच्छोत्सव की तैयारियों को लेकर बैठक हुई।
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देहरादून में बैठक का संचालन सचिव शहरी विकास नितेश झा ने किया, जबकि मंत्री वर्चुअल रूप से शामिल हुए। 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक चलने वाले स्वच्छोत्सव के सभी कार्यक्रमों पर बैठक में चर्चा हुई। अभियान, कचरा स्थलों की सफाई के लिए सात दिन, चालीस दिन और चालीस दिन से अधिक दिन के होंगे।
सफाई कर्मचारियों के लिए अलग-अलग रक्षा शिविर बनाए जाएंगे। प्लास्टिक मुक्त समारोह पर्यावरण के अनुकूल होंगे और इसका एकमात्र उपयोग किया जाएगा। विभागों को स्वच्छता की शपथ दी जाएगी। पर्यटन स्थलों पर सफाई रंगोली बनेगी। 25 सितंबर को राज्यव्यापी श्रमदान एवं स्वच्छता अभियान भी शुरू होगा। IT पोर्टल पर कार्यक्रम की जानकारी अपलोड करनी होगी। अभियान से जुड़े सभी अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
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