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Vastu Tips: यदि आप इन 7 वास्तु नियमों का पालन करेंगे, घर में हमेशा होगा माता लक्ष्मी का निवास

Vastu Tips: हमारे लेख में जानें कि जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए आपको किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।

Vastu Tips: वास्तुशास्त्र में हर दिशा का अलग अर्थ है। जीवन में आपको कई अच्छे परिणाम मिलेंगे अगर आप वास्तु नियमों का पालन करते हुए घर, दफ्तर आदि बनाते हैं। वहीं वास्तु दोष आपके जीवन में कई समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आज हम आपको वास्तु के किन नियमों का पालन करके सफल हो सकते हैं बताएंगे। आप इन नियमों को आसानी से पालन कर सकते हैं।

इन वास्तु नियमों का पालन करके माता लक्ष्मी को प्रसन्न करें

  1. माता लक्ष्मी हमेशा साफ-सफाई वाले घर में आती है। इसलिए घर को नियमित रूप से साफ करना चाहिए; यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और माता लक्ष्मी को खुशी मिलेगी।
  2. अगर आप घर बनवा रहे हैं तो वास्तुशास्त्र के अनुसार, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में पर्याप्त रोशनी आ रही हो। लेकिन अगर घर में पर्याप्त रोशनी नहीं आ रही है, तो आपको पूर्व दिशा में उगते सूर्य की एक तस्वीर लगानी चाहिए। ऐसा करने से आपको भाग्य मिलता है और जीवन में सुख-शांति मिलती है।
  3. घर के फर्नीचर भी घर की वास्तु को खराब करता है। इसलिए आपको कभी भी तिकोने आकार का फर्नीचर नहीं खरीदना चाहिए। हमेशा घर में गोलाकार या चौकोर फर्नीचर लगाना चाहिए। घर में तिकोना फर्नीचर लगाने से आपको धन हानि हो सकती है।
  4. बहुत से लोग छत पर कूड़ा जमा करके रखते हैं और इसे नियमित रूप से नहीं धोते। ऐसा करने से आपके जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए छत को कम से कम सप्ताह में एक या दो बार साफ करना चाहिए और कभी भी कूड़ा जमा नहीं करना चाहिए।
  5. आप भी घर में सही जूते-चप्पलों को रखना चाहिए। जूते-चप्पलों को कहीं भी रखने से वास्तु दोष भी होते हैं। जूते चप्पलों को एक ही जगह पर रखें। अगर आप घर के मुख्य दरवाजे के आसपास जूते-चप्पल रखते हैं तो ऐसी जगह पर रखें जहां उन पर बाहर से आने वाले लोगों की सीधी नजर न पड़े।
  6. यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में पैसे अधिक हों तो एक बर्तन में पानी भरकर हमेशा रखें। हो सके तो एक तांबे के बर्तन में पानी भरकर आप रख सकते हैं। हालांकि आपको रोजाना इस पानी को बदलना चाहिए।
  7. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर में एक तुलसी का पौधा होना चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस पौधे की देखभाल नियमित रूप से करें। रविवार, एकादशी और पूर्णिमा के दिन भी इसके पत्तों को नहीं तोड़ें।

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