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Vastu Tips: किचन में इन वास्तु नियमों का पालन करें, जानें वास्तुशास्त्र क्या कहता है?

Vastu Tips: वास्तुशास्त्र कहता है कि किचन में कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है कि किचन में वास्तु दोष होने से जीवन में कठिनाई होती है।

Vastu Tips: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने के लिए, ड्राइंग रूम, बेडरूम और अन्य कमरों सहित किचन के वास्तु का खास ध्यान रखना चाहिए। दैनिक रूप से होने वाली छोटी-छोटी गलतियों से किचन में वास्तु दोष हो सकते हैं। इसलिए, रसोईघर में वास्तु के कुछ सुझावों को अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए। यह आपके जीवन को खुशहाल बनाने में और दुख-दरिद्रता को दूर करने में मदद कर सकता है। आपको उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर और समन्वयक डॉ. नन्दन कुमार तिवारी द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘गृह निर्माण विवेचन’ से कुछ वास्तु टिप्स मिलेंगे।

किचन के लिए वास्तु सुझाव:

गृहिणी का मुख पूर्व या उत्तर की दिशा में होना वास्तु के अनुकूल है।

किचन में फ्रिज रखने के लिए पश्चिम या दक्षिण दिशा अच्छी है। जूसर टोस्टर या मिक्सी भी वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में रख सकते हैं।

किचन में जल टैब और जल प्यूरीफायर को ईशान कोण में रखना अच्छा है। वहीं, जल पूर्व या उत्तर दिशा में बाहर निकलना चाहिए।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, किचन कभी भी बेडरूम, बाथरूम, टॉयलेट या मंदिर के बिल्कुल ऊपर या नीचे नहीं होना चाहिए।

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में खाना बनाना वास्तु में अशुभ है।

नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में किचन बनाने से गृह-कला की स्थिति बनी रहती है।

आप अपने घर को आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोण में बना सकते हैं। आप किचन पूर्व या वायव्य (उत्तर-पश्चिम) दिशा में भी बना सकते हैं।

किचन की खिड़कियां पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए क्योंकि वे वास्तु के अनुरूप हैं।

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