वोडाफोन आइडिया: ₹2 लाख करोड़ के कर्ज के बावजूद शेयर क्यों कर रहा है उछाल?

वोडाफोन आइडिया ₹2 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी है, फिर भी उसके शेयरों में उछाल क्यों आया? जानिए PMO की राहत योजना, कंपनी की वित्तीय स्थिति और निवेशकों के लिए सलाह।

वोडाफोन आइडिया, जो भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी है, लगभग ₹2 लाख करोड़ के भारी कर्ज के दबाव में है। कंपनी पर लगभग ₹83,400 करोड़ का AGR (Adjusted Gross Revenue) बकाया है, जिसे मार्च 2025 से शुरू होने वाले अगले छह सालों में हर साल ₹18,000 करोड़ के हिसाब से चुकाना होगा। इसमें जुर्माना और ब्याज जोड़कर कुल देनदारी ₹2 लाख करोड़ के करीब पहुंच जाती है। इतने भारी कर्ज के बावजूद, 22 अगस्त 2025 को कंपनी के शेयरों में 8% से अधिक की तेजी देखने को मिली, जो निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर है।

क्यों उछला वोडाफोन आइडिया का शेयर?

शेयरों में अचानक उछाल का मुख्य कारण प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा कंपनी को राहत देने पर संभावित फैसले की खबर है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने पीएमओ को एक अनौपचारिक नोट भेजकर कंपनी के लिए कुछ राहत विकल्प सुझाए हैं, जिनमें शामिल हैं:

वित्तीय स्थिति और चुनौतियां

वोडाफोन आइडिया की आर्थिक स्थिति फिलहाल चिंताजनक है। भारी कर्ज और बकाया राशि के कारण बैंक कंपनी को नए कर्ज देने में हिचकिचा रहे हैं। लगातार घाटे में चलने वाली कंपनी के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।

कंपनी का महत्व और रोजगार

वोडाफोन आइडिया भारत की टेलीकॉम सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लगभग 19.8 करोड़ ग्राहक हैं और यह 18,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती है। अगर कंपनी बंद हो जाती है, तो भारत का टेलीकॉम बाजार केवल रिलायंस जियो और एयरटेल तक सीमित हो जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्धा कम होगी और ग्राहकों को नुकसान हो सकता है।

also read:- India Post की नई क्रांति: ₹5,800 करोड़ की एडवांस्ड पोस्टल…

विशेषज्ञों की राय: खरीदें, बेचें या रोककर रखें?

निवेशकों के लिए चेतावनी

वोडाफोन आइडिया का शेयर पिछले साल की 52 सप्ताह की उच्चतम कीमत ₹16.55 की तुलना में अभी बहुत नीचे है। कंपनी लगातार घाटे में चल रही है, इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श के बाद ही निवेश करें।

आगे की संभावनाएं

कंपनी की भविष्य की योजनाएं मुख्य रूप से सरकारी राहत और नए फंडिंग स्रोतों पर निर्भर करती हैं। CEO अक्षय मूंदड़ा ने कहा है कि कंपनी गैर-बैंकिंग स्रोतों से निवेश जुटाने की कोशिश कर रही है ताकि अपने 4G और 5G नेटवर्क को मजबूत किया जा सके। मार्च 2026 की डेडलाइन से पहले AGR मामले का समाधान कंपनी के लिए अत्यंत आवश्यक है।

For More English News: http://newz24india.in

Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x

Exit mobile version