Vulvar Cancer: कम उम्र की महिलाएं भी हो रही हैं इस खतरनाक बीमारी का शिकार, जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Vulvar Cancer महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स में होने वाला एक गंभीर लेकिन कम चर्चित कैंसर है। जानें इसके लक्षण, कारण, कम उम्र की महिलाओं में इसके बढ़ते खतरे और बचाव के उपाय।

महिलाओं में प्राइवेट पार्ट से जुड़ी बीमारियों को लेकर अक्सर चर्चा नहीं की जाती, लेकिन वल्वर कैंसर (Vulvar Cancer) एक ऐसी गंभीर समस्या है, जो अब सिर्फ उम्रदराज़ महिलाओं तक सीमित नहीं रही। नई रिसर्च और डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक, कम उम्र की महिलाएं भी इस रेयर लेकिन खतरनाक कैंसर की शिकार बन रही हैं। इसकी एक बड़ी वजह एचपीवी (HPV) संक्रमण और बदलती लाइफस्टाइल है।

Vulvar Cancer क्या होता है?

Vulvar Cancer महिलाओं की योनि के बाहरी हिस्से, यानी वल्वा में होने वाला एक दुर्लभ लेकिन गंभीर प्रकार का कैंसर है। वल्वा में क्लिटोरिस, लेबिया माजोरा और माइनोरा जैसे अंग शामिल होते हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे विकसित होता है और इसकी शुरुआती पहचान अक्सर मुश्किल होती है क्योंकि लक्षण हल्के और सामान्य समस्याओं जैसे प्रतीत होते हैं। वल्वर कैंसर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है – स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलानोमा। इनमें स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा सबसे आम है जबकि मेलानोमा कम देखने को मिलता है लेकिन अधिक खतरनाक हो सकता है।

किन कारणों से होता है Vulvar Cancer?

Vulvar Cancer होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) का संक्रमण। यह वायरस मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। लंबे समय तक प्राइवेट पार्ट्स में जलन या संक्रमण रहना, उम्र बढ़ना, कमजोर इम्यून सिस्टम, धूम्रपान की आदत और खराब जीवनशैली भी इसके प्रमुख कारण माने जाते हैं। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को जेनेटिक रूप से भी इस कैंसर का अधिक खतरा होता है।

कम उम्र की महिलाओं में क्यों बढ़ रहा है खतरा?

पहले यह बीमारी उम्रदराज़ महिलाओं में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब कम उम्र की महिलाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण युवाओं में HPV संक्रमण का तेजी से फैलना है। आजकल किशोर अवस्था में ही यौन रूप से सक्रिय हो जाना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना और बार-बार पार्टनर बदलना इस संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देता है। इसके अलावा, तनाव, नींद की कमी, धूम्रपान और शराब जैसी आदतें युवा महिलाओं के इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देती हैं, जिससे शरीर वायरस से लड़ नहीं पाता और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

also read:- नया हार्ट अटैक का कारण: शरीर में छिपे बैक्टीरिया, रिसर्च…

Vulvar Cancer के लक्षणों को पहचानना क्यों जरूरी है?

इस Vulvar Cancer कैंसर के लक्षण शुरुआत में बहुत मामूली हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं। लगातार खुजली, जलन, त्वचा पर असामान्य धब्बे या सूजन, इंटरकोर्स के दौरान दर्द, पेशाब में तकलीफ, और घाव जो ठीक नहीं हो रहा हो ये सब संकेत हो सकते हैं कि कुछ गलत हो रहा है। कई महिलाएं इन्हें मामूली संक्रमण समझकर अनदेखा कर देती हैं, जिससे बीमारी बढ़ती जाती है। यदि समय पर जांच नहीं करवाई गई, तो कैंसर शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है।

वल्वर कैंसर से बचाव के उपाय क्या हैं?

Vulvar Cancer से बचाव के लिए सबसे ज़रूरी है यौन स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता। सुरक्षित यौन संबंध बनाना और HPV वैक्सीन लगवाना इस कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। इसके अलावा, प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई का ध्यान रखना, हेल्दी डाइट लेना, नियमित व्यायाम करना और धूम्रपान या शराब जैसी आदतों से बचना भी बेहद जरूरी है। अगर किसी महिला को प्राइवेट एरिया में कोई भी असामान्य लक्षण महसूस हो, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए।

समय पर जांच और जागरूकता ही है सबसे बड़ा इलाज

Vulvar Cancer को अगर शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए, तो इसका इलाज संभव है। लेकिन जागरूकता की कमी, शर्म और लापरवाही की वजह से ज्यादातर मामले देर से सामने आते हैं। महिलाओं को चाहिए कि वे नियमित रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ से चेकअप करवाएं और अपने शरीर में हो रहे किसी भी बदलाव को हल्के में न लें। खासतौर पर युवतियों को HPV वैक्सीन के महत्व को समझना और समय रहते इसे लगवाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस गंभीर बीमारी से बचा जा सके।

For More English News: http://newz24india.in

Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x

Exit mobile version