Weekly Vrat Tyohar: गणेश चतुर्थी, महालक्ष्मी और राधाष्टमी सहित इस हफ्ते के व्रत त्योहारों को जानें।
Weekly Vrat Tyohar
Weekly Vrat Tyohar: सितंबर का सप्ताह व्रत त्योहारों के कारण बहुत खास होगा। साथ ही कई ग्रह अपनी नक्षत्र राशि बदल रहे हैं। इसके अलावा, इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ने वाले हैं, जैसे हरितालिका तीज और गणेश चतुर्थी व्रत। सितंबर सप्ताह में होने वाले प्रमुख व्रत त्योहारों के बारे में जानें..।
18 सितंबर को Saptah Ke Vrat Tyohar: वर्तमान सप्ताह भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से शुरू होता है। हरितालिका तीज सप्ताह के पहले दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का सौभाग्य मिलेगा। साथ ही, इस सप्ताह गणेश चतुर्थी तिथि है, जिसमें घर-घर गणेशजी विराजमान होंगे। इस सप्ताह गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, सूर्य षष्ठी, महालक्ष्मी व्रत और ज्येष्ठा गौरी विसर्जन सहित कई महत्वपूर्ण व्रत त्योहार होंगे।
हरितालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार
हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। सौभाग्यवती स्त्रियों को इस दिन निराहार भोजन करके शिव-पार्वती का पूजन करना चाहिए। घर को सुंदर वस्त्रों और कदली स्तंभों से सजाकर रात को मंगलगीतों से जागरण करना चाहिए। इस दिन सोमवार है और हस्त नक्षत्र भी है। इस व्रत को करने से सौभाग्य बढ़ता है और जीवन भर सुख समृद्धि मिलती है।
19 सितंबर, मंगलवार गणेश चतुर्थी व्रत
Weekly Vrat Tyohar: गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तिथि है। गणेशजी का दिन है। गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.19 बजे से दोपहर 1.43 बजे तक है। कलंक चतुर्थी भी है। इस दिन चंद्रदर्शन करना गैरकानूनी है। श्रीकृष्ण ने स्यमंतक मणि चोरी करने का भी आरोप लगाया क्योंकि उन्होंने चंद्रमा को देखा था। गणेश चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में मंगल आता है और सभी बाधा दूर होती है।
20 सितंबर, बुधवार ऋषि पंचमी
Weekly Vrat Tyohar: ऋषि पंचमी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को कहते हैं। इस दिन आपको नदी में स्नान करके ऋषियों को पूजना चाहिए। इसी दिन गणपति का डेढ़ दिन का विसर्जन भी होगा। Weekly Vrat Tyohar: इस तिथि का व्रत करने से व्यक्ति ज्ञान में वृद्धि करता है और जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होता है। पुराणों में कहा गया है कि इस व्रत को करने से धन, समृद्धि और संतान की इच्छा पूरी होती है।
21 सितंबर, गुरुवार को सूर्य षष्ठी व्रत
सूर्य षष्ठी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाएगा। इसी दिन वाराणसी में सूर्य भगवान लोलार्क कुंड में स्थापित हुए। यहां पर निसंतान महिलाएं स्नान करके बच्चा चाहती हैं। Weekly Vrat Tyohar: इस दिन सूर्य की पूजा करने से सम्मान और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है और दुःख और पीड़ा से छुटकारा मिलता है। पृथ्वी पर जीवन का एकमात्र स्त्रोत सूर्य है, जो जीवन को संभव बनाता है।
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22 सितंबर, शुक्रवार महालक्ष्मी व्रत
हिंदू पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि से शुरू होता है। इस दिन से व्रत शुरू होगा और 16 दिन तक चलेगा। 16 दिनों तक चलने वाले महालक्ष्मी व्रत में सुरैया काला है। सुरैया का अर्थ है एक समय जो आपके जीवन को सुरमय बना देता है।Weekly Vrat Tyohar: इस व्रत में यक्ष-यक्षिणी और महालक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। इस व्रत को करने से धन धान्य मिलता है और महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
23 सितंबर, शनिवार को राधाष्टमी व्रत
Weekly Vrat Tyohar: राधा अष्टमी पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता राधा का जन्म हुआ था। यह पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के लगभग पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है। बरसाना, मथुरा, वृंदावन सहित पूरे ब्रज में इस पर्व को विधिपूर्वक मनाया जाता है। कृष्ण को पाना चाहते हैं तो राधारानी की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वे पूरे ब्रज की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस व्रत को करने से सम्मान, आयु, धन और सुख बढ़ेंगे।
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23 सितंबर, शनिवार को ज्येष्ठा गौरी का विसर्जन होगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को जिन गणपति की पूजा की जाती है, उनका विसर्जन ज्येष्ठा गौरी के साथ किया जाएगा। गौरी पूजन के अगले दिन गौरी का विसर्जन किया जाता है। गौरी के विसर्जन से पहले आरती की जाती है और दही और पकी मेथी के पत्तों के साथ पके हुए चावल का भोग लगाया जाता है। ज्येष्ठा नक्षत्र में गौरी की पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन को ज्येष्ठा गौरी विसर्जन कहते हैं।
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