कमलनाथ
कमलनाथ के संबंधों पर चर्चा करते हुए दीपक सक्सेना ने कहा कि हम कमलनाथ को अपने पिता के समान मानते थे और उनसे कुछ कह नहीं सकते थे।
कमलनाथ और बीजेपी का संघर्ष मध्य प्रदेश की सबसे लोकप्रिय सीट छिंदवाड़ा में बहुत दिलचस्प हो गया है। यहाँ Kamal Nath की चालीस साल की विरासत को बचाने का प्रश्न उठता है, जबकि बीजेपी ने इसे मध्य प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सीट बताया है।
छिंदवाड़ा में Kamal Nath के बेटे और वर्तमान सांसद नकुलनाथ कांग्रेस के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेसी प्रचारकों ने न तो कांग्रेस का नाम न तो नकुलनाथ का नाम ले रहे हैं। कांग्रेस ये चुनाव Kamal Nath के नाम और उनके जनता से व्यक्तिगत संबंधों पर लड़ रही है। सब कहते हैं कि नकुलनाथ ने अपने कार्यकाल में जनता से Kamal Nath से मिलने वाले रिश्ते नहीं बनाए।
वहीं, Kamal Nath के हनुमान कहे जाने वाले दीपक सक्सेना ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और Kamal Nath का साथ छोड़कर बीजपी में शामिल हो गया है। हालाँकि Kamal Nath की फोटो अभी घर की दीवारों पर नहीं है और उनकी गाड़ी से हाथ का पंजा भी नहीं उतरा है। लेकिन नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए बीजेपी में आ गए हैं, पूछने पर कहते हैं कि कमलनाथ से संबंध कभी नहीं खत्म हो सकता।
Kamal Nath के संबंधों पर चर्चा करते हुए दीपक सक्सेना ने कहा कि हम Kamal Nath को अपने पिता के समान मानते थे और उनसे कुछ कह नहीं सकते थे। नकुलनाथ ने हमारे समझाने पर भी नहीं सुना। सक्सेना ने बताया कि Kamal Nath क्रोधित होकर पैर छूकर चला गया।
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बातचीत के दौरान दीपक सक्सेना ने कहा कि कमलनाथ ने ग्रामीणों को दारू और पैसा बांटा जब वह चुनाव प्रबंधन कर रहे थे।
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