CM Yogi Adityanath ने आयुष विभाग के 283 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आठ साल में आठ लाख लोगों को काम मिला है। ये सभी सुचितापूर्ण तरीके से संपन्न हुईं।
राजधानी लखनऊ में CM Yogi Adityanath ने आयुष विभाग के 283 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए। उन्हें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चुना है। CM Yogi Adityanath को लोक भवन ऑडिटोरियम में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
इस अवसर पर CM Yogi Adityanath ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में साढ़े आठ लाख लोगों को नौकरी मिली है। ये बिल्कुल सूचीबद्ध हैं, अन्यथा मामला कोर्ट में चला गया। 163 डॉक्टरों, तीन प्रोफेसरों और 96 लैब टेक्नीशियन को पत्र भेजा जा रहा है। इसके लिए आयोग को भी बधाई। जिन्हें नियुक्ति पत्र मिल रहा है, उन्हें बधाई।
शासकीय नौकरी पाना, सपनों को साकार करना
CM Yogi Adityanath का कहना था कि किसी युवा को शासकीय पद मिलना उसके सपनों को उड़ान भरने जैसा है। अभिभावकों और दोस्तों ने जो सपना देखा था, वह सच हो रहा है। आठ साल पहले आयोग भर्ती बोर्ड की हालत किसी से छिपी नहीं है। अनेक याचिका लंबित थीं। हाईकोर्ट ने भी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाया था।
आयुष के जरिए हासिल कर सकते हैं आरोग्यता
CM Yogi Adityanath ने कहा कि विभागीय तकनीक कामकाज को गति दे सकती है। महाकुंभ में हमने यही किया। अब आयुष एक नया मंत्रालय है। योग को बढ़ा रहे हैं। दुनिया के मन में योग पर श्रद्धा आ गई है। भारत की विरासत को पहले कुछ लोग घृणा करते थे, लेकिन आज योग सब कुछ है। 45 दिन के आयोजन में प्रयागराज दुनिया भर में प्राइम न्यूज बन गया। यह चीजें दिखाती हैं कि जब हम अपनी संस्कृति में रुचि दिखाते हैं तो दुनिया हमें देखने के लिए उत्सुक होती है। आयुष हमें स्वस्थ बना सकता है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं।
प्रकृति के अनुरूप जीवन जीने की कला
इस अवसर पर मंत्री दयाशंकर मिश्र ने कहा कि आयोग से चुने गए 163 डॉक्टर आज से राज्य की सेवा करेंगे। उम्मीद है कि आयुष विभाग प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए राज्य का विकास करेगा। तीन नए आयुष के मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। लोगों को प्रकृति के अनुरूप जीने की कला सिखाई जा रही है।
मंत्री ने कहा कि यूपी नवाचार के लिए जाना जाता है। काशी में प्रकृति चिकित्सा का केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि नवचयनित से अपील है कि उन्हें जिस सुचिता से नियुक्ति मिली है, उनका आगे के जीवन में पालन करें। अब सभी की मंजिल सिर्फ सेवा होनी चाहिए।