कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किल बढ़ेगी? ये आदेश एक दो वर्ष पुराने मामले में हाई कोर्ट ने दिया

कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किल बढ़ेगी?

2022 में कैलाश विजयवर्गीय ने तेलंगाना में खरगोन बताते हुए एक वीडियो शेयर किया था। कैप्शन में लिखा था, “सामाजिक सद्भाव को भड़काने वाला और शांति भंग करने वाला”।

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। वास्तव में, 2022 में खरगोन में हुए दंगों के बाद विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसके बाद उन पर सामाजिक सद्भाव भड़काने का आरोप लगाया गया। कांग्रेस नेता ने इसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने तिलकनगर पुलिस को इस मामले की जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने भी कोर्ट के आदेश पर दस्तावेज पुलिस को सौंप दिए हैं।

पीसीसी के प्रवक्ता ने दायर की थी याचिका

आपको बता दें कि 2022 में 10 अप्रैल को खरगोन जिले में रामनवमी पर हिंसा हुई थी, जिसके बाद वर्तमान कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। कैलाश विजयवर्गीय ने इस वीडियो को खरगोन बताया और अल्पसंख्यक वर्ग पर टिप्पणी की।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और कांग्रेस नेता डॉक्टर अमीनुल खान सूरी ने इंदौर हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इस पूरे मामले की शिकायत की। 16 अप्रैल को इस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने तिलक नगर थाना पुलिस को तीन महीने के अंदर जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

पुलिस को भी सबमिट की गई याचिका की कॉपी

कांग्रेस नेता सोमवार को तिलक नगर थाने पहुंचे, जहां उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश की एक प्रति लेकर पुलिस को दी और जल्द से जल्द जांच करने की मांग की।

कांग्रेस नेता अमीनुल खान सूरी ने बताया कि उन्होंने इंदौर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पुलिस को 90 दिन में पहली सूचना रिपोर्ट बनाने का आदेश दिया। साथ ही, हाईकोर्ट ने अमीनुल खान सूरी को कहा कि तिलक नगर थाने में आदेश की सर्टिफाइड प्रति भी पेश करें।

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आरोप- विजयवर्गीय ने तेलंगाना का वीडियो शेयर कर एमपी का बताया

दरअसल, 16 अप्रैल 2022 को अमीनुल खान सूरी ने तिलक नगर थाने में इस मामले की शिकायत की। उन्हें बताया गया कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तेलंगाना राज्य के एक वीडियो को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताते हुए अपलोड किया और उस पर जो कैप्शन दिया, वह शांति को भड़काने वाला था और सामाजिक सद्भाव को भड़काने वाला था।

वहीं, सूरी ने शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की, तो उन्होंने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इंदौर हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पुलिस को 90 दिनों में जांच पूरी करने का आदेश दिया है।

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