हरियाणा का पहला शहर बन गया है जहां ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू किया गया है। प्रशासन ने 7 दिनों के सफल ट्रायल के बाद 8 सितंबर से इस नियम को नियमित रूप से लागू करने का फैसला किया है। इस कदम से शहर में ट्रैफिक दबाव कम हुआ है और वाहन चालक कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच पा रहे हैं। साथ ही प्रदूषण का स्तर भी घटा है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पानीपत में लगभग 4632 ई-रिक्शा और 3414 ऑटो रजिस्टर्ड हैं, जिन्हें चार अंकों का कोड दिया गया है। वहीं, कुल मिलाकर करीब 15 हजार ऑटो-ई-रिक्शा चल रहे थे, जिससे शहर की सड़कों पर भारी जाम की समस्या बनी रहती थी। इससे 10 मिनट के सफर को पूरा करने में 30 से 45 मिनट तक लगते थे।
हालांकि, ऑटो यूनियन के प्रधान नरेश डाहर ने प्रशासन को 10 सितंबर तक इस नियम को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना है कि ऑड-ईवन के बजाय एक निर्धारित रूट नीति अपनाई जाए। दूसरी ओर, डीएसपी ट्रैफिक सुरेश सैनी और नगर निगम कमिश्नर पंकज कुमार का कहना है कि यातायात की सुगमता के लिए यह नियम पूरी तरह लागू रहेगा। इस नियम को पहले दो बार लागू करने की कोशिश असफल रही थी, इसलिए इस बार पुलिस प्रशासन पूरी तैयारी के साथ स्थिति संभाल रहा है।
शहर के प्रमुख मार्गों जैसे जीटी रोड पर नांगल खेड़ी और टोल प्लाजा, सनौली रोड पर बबैल नाका, गोहना रोड पर पुराना शुगर मिल, और असंध रोड पर गाबा ढाबा पर नाकाबंदी की जाएगी। 150 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे ताकि नियम का कड़ाई से पालन हो सके। शहर में प्रतिदिन करीब आठ हजार ऑटो और ई-रिक्शा चलते हैं, जिनसे जाम की स्थिति बनती है और ऑड-ईवन नियम से इसे नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
ऑड-ईवन नियम का उद्देश्य
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ट्रैफिक जाम कम करना
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प्रदूषण में कमी लाना
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सड़कों पर यातायात को बेहतर बनाना
ऑटो-ई-रिक्शा चालकों का विरोध
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अल्टीमेटम जारी
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रूट आधारित नीति की मांग
पानीपत प्रशासन का मानना है कि इस नियम से शहर में यातायात की समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा।
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