जालंधर की प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी के मालिकों के साथ लाखों का फ्रॉड, पुलिस ने एफआईआर दर्ज की
जालंधर के प्रसिद्ध कार डीलर लवली ऑटोज़ (Lovely Autos) के मालिकों के साथ फ्रॉड का एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है, जिसमें लगभग 53 लाख रुपये से अधिक का गबन हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शहीद ऊधम सिंह नगर ब्रांच की मैनेजर शिल्पी रानी ने 53 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का खुलासा किया है, एफआईआर में बताया गया है।
जालंधर की प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी के मालिकों के साथ लाखों का फ्रॉड
शिकायत में पांच लोगों (राम बाबू, सदाम हुसैन, लक्ष्मण कुमार, सचिन और नितिन कुमार) के खिलाफ शिकायत की गई थी कि लवली ऑटोज़ नामक बैंक ब्रांच में एक क्रंट अकाउंट चल रहा है। नवंबर महीने में ब्रांच मैनेजर को फोन आया जिसने खुद को अमित मित्तल बताया और लवली ऑटोज़ से चल रहे बैंक अकाउंट का प्रमुख बताया। थोड़ी देर बाद एक दूसरा फोन आया, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को लवली ऑटोज़ का मालिक नरेश मित्तल बताया. उन्होंने चार-पांच लोगों को तुरंत भुगतान करने के लिए कहा, लेकिन उन्हें चैक बुक नहीं था।
नई चैक बुक आने में कुछ दिन लगेंगे, इसलिए इन लोगों के खातों में भुगतान करें। इसके लिए बैंक ने अधिकृत तौर पर मेल भेजा।
बैंक को बाद में लवली ऑटोज़ के नरेश मित्तल के नाम से एक ई-मेल भी मिला, जिसमें उन पांच लोगों के नाम, बैंक नाम, आईएफसी कोड आदि सूचनाएं दी गईं। सभी खातों में अलग-अलग रकम भेजने को कहा गया। ई-मेल में कहा गया था कि सचिन कुमार के खाते में 9.25 लाख रुपये, लक्ष्मण के खाते में 9.16 लाख रुपये, नितिन के खाते में 9.52 लाख रुपये, सदाम हुसैन के खाते में 7 लाख रुपये और राम बाबू दास के खाते में 9.83 लाख रुपये भेजे जाएं। बैंक ने उक्त खातों में बताई गई राशि को 16 व 17 नवंबर 2023 को ट्रांसफर की, लेकिन 5 दिसंबर तक बैंक के पास कोई भी सही दस्तावेज नहीं था।
उस समय, Lovely Autos से शिकायत की गई, जिसमें कहा गया कि उक्त पांच लोगों के खातों में कोई पैसा नहीं भेजा गया था। शिकायत के आधार पर जांच की गई, तो पाया गया कि पांच लोग फर्जी थे और उन्होंने नरेश मित्तल और अमित मित्तल के नाम से बोगस फोन और ई-मेल भेजा था। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आरंभिक जांच में ब्रांच मैनेजर का बयान भी कलमबद्ध किया गया है। पूरी जांच के बाद मामला आईटी अधिनियम की धारा 403, 420, 465, 468, 471, 120B तथा 66D के तहत दर्ज किया गया है। read more