गदर 2 को लेकर फिसली नसीरुद्दीन शाह की जुबान?
बॉलीवुड में एक नया विवाद आया है, और इसमें फिल्म ‘गदर 2’ के लिए चयनित अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयानों का महत्वपूर्ण स्थान है। नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में सनी देओल की मूवी ‘गदर: एक प्रेम कथा’ को लेकर कुछ ऐसा कहा है जिसने चर्चा को गर्म कर दिया है और उन्हें खुद ‘डिस्टर्बिंग’ कर दिया है।
नसीरुद्दीन शाह का बयान
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि वह फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ को देखने के बाद बहुत चौंक गए थे और उन्हें यह लगा कि फिल्म ने ‘दुश्मनी’ को प्रमोट किया है। वह कहते हैं, “मुझे ऐसा लगा कि यह फिल्म एक हिन्दू राष्ट्रवादी फिल्म है जो मुझे बेहद डिस्टर्ब कर रही है।”
नसीरुद्दीन शाह का बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और इसने विवाद को और भी गहरा बना दिया है।
गदर: एक प्रेम कथा’ का महत्व
फिल्म ‘गदर: एक प्रेम कथा’ 2001 में रिलीज हुई थी और इसमें सनी देओल और अमीषा पटेल मुख्य भूमिका में थे। फिल्म का कहानी स्वतंत्रता संग्राम के समय की थी और इसमें एक पाकिस्तानी महिला और एक हिन्दू पुरुष के प्यार की कहानी दिखाई गई थी। फिल्म के नाम ने ही खुद में गुज़ारिश की थी कि यह फिल्म दो देशों के बीच की दुश्मनी को दिखा रही है।
विवाद और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
नसीरुद्दीन शाह के इस बयान ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ पैदा की हैं। कुछ लोग उनके बयान का समर्थन करते हैं और मानते हैं कि फिल्म का सनी देओल के प्रशंसकों के बीच में नफ़रत फैलाने का प्रयास किया गया है। वहीं, कुछ लोग उनके बयान को अवामी रूप से कुख्याति प्राप्त करने का प्रयास मानते हैं और कहते हैं कि फिल्म केवल एक कला रूप है और इसे इस तरह से देखने का कोई आवश्यकता नहीं है।
समापन विचार
गदर: एक प्रेम कथा’ को लेकर फिसले नसीरुद्दीन शाह के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है। यह बयान दिखाता है कि फिल्म जगत के अंदर किस प्रकार की विवादित विषयों को उत्पन्न कर सकती है और कैसे फिल्म निर्माताओं को सावधान रहना चाहिए। इससे यह सबक सिखा जाता है कि किसी फिल्म की सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव को सीधे तौर पर नकारना या समर्थन करना उसके निर्माता और दर्शकों के विचारों पर निर्भर करता है।
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