भारत को रूस में शामिल करना चाहता था यूक्रेन, जयशंकर ने पलटा रुख, अब क्या करेंगे जेलेंस्की?
भारत को रूस में शामिल करना चाहता था यूक्रेन, जयशंकर ने पलटा रुख, अब क्या करेंगे जेलेंस्की?
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के मुद्दे पर भारत को फंसाने का प्लान फेल हो गया है। दरअसल, पश्चिमी देश चाहते थे कि भारत में आयोजित होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की संबोधित करें। जेलेंस्की ने इसके लिए अपने उप विदेश मंत्री को भारत दौरे पर भी भेजा था। खुद जेलेंस्की ने पुराने गिले-शिकवे को दूर करने के लिए जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। इसके बावजूद भारत ने जेलेंस्की से दूरी बना ली है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक लहजे में कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की को बुलाने का कोई प्लान नहीं है।
जयशंकर से पूछा गया कि क्या यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की जी-20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किए गए हैं। इस पर जयशंकर ने जवाब दिया कि जेलेंस्की को आमंत्रण दिए जाने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमारे नजरिए में जी-20 केवल सदस्यों के लिए है। देशों और संगठनों को भी इस में आमंत्रित किया जाएगा। हम आमंत्रित गेस्ट की लिस्ट जल्द ही जारी कर देंगे। हमने अभी तक इस लिस्ट को देखा नहीं है और ना ही किसी के साथ चर्चा की है।
भारत को फंसाना चाहते हैं पश्चिमी देश
भारत ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस का खुलेआम विरोध नहीं किया है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश भारत के इसी रवैये से बेचैन हैं। उनकी कोशिश है कि यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के मुद्दे पर भारत को किसी न किसी तरह से फंसाया जाए, जिससे वह रूस का विरोध करने के लिए बेबस हो जाए। जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी रूस के मुद्दे पर जमकर बवाल मचा था। हालांकि, भारत ने उत्कृष्ट कूटनीति दिखाते हुए उस समय बाधा को दूर कर लिया था।
पाकिस्तान का समर्थक रहा है यूक्रेन
सोवियत संघ के विघटन के बाद बने देश यूक्रेन ने अपनी स्थापना के बाद से ही पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध रखे हैं। यूक्रेन ने पाकिस्तान को टी-80 टैंकों की सप्लाई की है। रूस के आक्रमण के एक साल पहले ही पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच टी-80 टैंकों के आधुनिकीकरण पर डील हुई थी। इसके अलावा यूक्रेन ने 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण का विरोध किया था। परमाणु परीक्षण के कारण पश्चिमी देशों ने भारत के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान किया था, �