Anantnag Encounter: जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में मोहाली के रहनेवाले कर्नल मनप्रीत सिंह शहीद हो गए। उनके पिता लखबीर सिंह भी सेना में जवान थे। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया।
चंडीगढ़: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह उनके पैतृक गांव भड़ौजियां पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा तो उनके 7 साल के बेटे ने उन्हें सैल्यूट किया। शहीद मनप्रीत सिंह का बेटा सेना की वर्दी में था। जैसे उसने पिता के पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आई। शहीद की अंतिम यात्रा में भारी तादाद में लोग पहुंचे रह हैं और नम आंखों से वीर सैनिक को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
कर्नल मनप्रीत सिंह मूल रूप से पंजाब के मोहाली जिले के गांव भड़ौंजिया के रहने वाले थे। हाल ही में वे न्यू चंडीगढ़ शिफ्ट हो गए थे। कर्नल मनप्रीत सिंह की पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा में पंचकूला के पिंजौर स्थित सरकारी स्कूल में टीचर हैं। वो अपने मायके पंचकूला में रहती हैं क्योंकि वहां से उन्हें स्कूल नजदीक पड़ता है। उनके 2 बच्चे हैं। इनमें बेटा कबीर 7 साल का और बेटी ढाई साल की है। शहीद कर्नल मनप्रीत की मां मनजीत कौर की उम्र करीब 68 साल है। वह गांव में अपने छोटे बेटे संदीप सिंह के साथ रहती है।
शहीद की मां ने कही ये बात
शहीद मनप्रित सिंह की मां ने बताया किरविवार को मेरी उससे दोपहर तीन बजे बात हुई थी। उसने बताया था कि मैं सो कर उठा हूं, आप भी आराम कर लो। उसके बच्चे भी यहां आए हुए थो वो भी रविवार को ही गए। उसने अगले महीने छुट्टी पर आना हफ्ते। उसकी ट्रांसफर मई-जून को होनी थी। उसे चार साल हो गए थे श्रीनगर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए। आठ-आठ दिन तक हमारी बात नहीं होती थी। वो छुट्टी भी नहीं आता था। उसे बहुत काम था। उसने कहा था मेरे सिर पर बड़ा काम था। अभी तो उसकी उम्र भी 40 साल थी। उसके बच्चे भी छोटे हैं। उसके पिता भी सेना में थे।