2303 गांवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान शुरू, डॉ. बलबीर सिंह ने दिए सभी संसाधनों को जुटाने के आदेश

पंजाब में बाढ़ के बाद 2303 गांवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान शुरू। डॉ. बलबीर सिंह ने मेडिकल कैंप, फॉगिंग और आशा वर्कर्स को किया सक्रिय।

पंजाब सरकार ने हाल ही में आई भीषण बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने राज्य के संपूर्ण मेडिकल तंत्र को बाढ़ प्रभावित इलाकों में तैनात करने के आदेश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत सरकारी डॉक्टरों, निजी मेडिकल वालंटियर्स, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर्स और MBBS इंटर्न्स सहित सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को अभियान में शामिल किया जा रहा है। इस विशेष मुहिम का लक्ष्य बाढ़ के बाद फैलने वाली बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करना है।

2303 गांवों में विशेष स्वास्थ्य अभियान

यह अभियान पंजाब के 2303 बाढ़ प्रभावित गांवों में चलाया जाएगा। राज्य सरकार ने इस स्वास्थ्य मुहिम को व्यापक स्तर पर लागू करने की रणनीति बनाई है, ताकि कोई भी व्यक्ति डॉक्टर की देखभाल और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं से वंचित न रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे अभियान की हर गतिविधि पर निगरानी रखें और स्थानीय स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करें।

तीन चरणों में होगा स्वास्थ्य अभियान

1. दैनिक स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन

प्रत्येक गांव में स्वास्थ्य एवं मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। जिन 596 गांवों में पहले से “आम आदमी क्लीनिक” जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं, वहां ये कैंप नियमित रूप से वहीं लगाए जाएंगे। अन्य 1707 गांवों में स्कूलों, सामुदायिक भवनों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कम से कम तीन दिनों के लिए अस्थायी कैंप लगाए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर इनकी अवधि बढ़ाई जा सकती है।

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2. आशा वर्कर्स का घर-घर स्वास्थ्य दौरा

इस अभियान के दूसरे चरण में 11,103 से अधिक आशा वर्कर्स सप्ताह में एक बार प्रत्येक घर का दौरा करेंगी। वे लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हेतु ओआरएस, पैरासिटामोल, मच्छररोधी दवाएं, क्लोरीन टैबलेट, साबुन और अन्य जरूरी वस्तुओं वाली “सेहत किट” वितरित करेंगी। साथ ही बीमारियों की रोकथाम और जांच संबंधी जानकारी भी साझा करेंगी।

3. फॉगिंग और वेक्टर कंट्रोल अभियान

बाढ़ के बाद मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए 21 दिनों तक लगातार फॉगिंग, लार्विसाइडल स्प्रे और अन्य वेक्टर कंट्रोल गतिविधियां चलाई जाएंगी। यह अभियान घरों, स्कूलों, बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चलाया जाएगा ताकि डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों के फैलाव को रोका जा सके।

एम्बुलेंस और दवाओं का व्यापक प्रबंध

स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए 550 से अधिक एम्बुलेंस को तैनात किया जा रहा है। इनमें से 180 सरकारी एम्बुलेंस होंगी, जबकि 254 एम्बुलेंस भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के सहयोग से मुहैया कराई जाएंगी। विभाग ने बाढ़ राहत के लिए 85 आवश्यक दवाइयों और 23 आवश्यक वस्तुओं की पहचान की है, जिनका भरपूर स्टॉक उपलब्ध है। जिलों को जरूरत के अनुसार आवश्यक वस्तुएं खरीदने का अधिकार भी दिया गया है, ताकि किसी भी तरह की देरी से बचा जा सके।

जन सहयोग की अपील

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने इस आपदा को जन सुरक्षा की लड़ाई बताया और समाज के सभी वर्गों, स्वयंसेवी संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार तब तक कार्य करती रहेगी, जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती और हर नागरिक सुरक्षित महसूस नहीं करता।

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