सावन 2025 में प्रदोष काल में क्यों करनी चाहिए शिव जी की पूजा? जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

सावन 2025 में प्रदोष काल का विशेष महत्व है। जानिए इस शुभ समय में भगवान शिव की पूजा क्यों करनी चाहिए, इसका धार्मिक महत्व और सही पूजा विधि।
सावन 2025 में प्रदोष काल: सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और यह समय भगवान शिव की उपासना के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सावन 2025 में प्रदोष काल)सावन के सोमवार और प्रदोष काल में की गई शिव पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस पवित्र माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, व्रत और विशेष पूजन किया जाता है।
सावन 2025 में प्रदोष काल में पूजा का महत्व
प्रदोष काल का समय शिव भक्ति के लिए सबसे श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि इस समय भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं और उनकी आराधना करने से वह अत्यंत प्रसन्न होते हैं। सावन 2025 में प्रदोष काल में की गई पूजा से भक्त को अभय, सुख-समृद्धि और मोक्ष का वरदान मिलता है।
प्रदोष काल क्या है?
प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है और लगभग रात 8 बजे तक चलता है। यह समय त्रयोदशी तिथि के साथ आता है और इसमें शिव पूजा करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
सावन 2025 में प्रदोष काल में शिव पूजा कैसे करें?
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स्नान और स्वच्छता: पूजा से पहले स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
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शिवलिंग स्थापना: घर में पूजा स्थान पर शिवलिंग रखें या तस्वीर स्थापित करें।
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अभिषेक: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध या शहद से अभिषेक करें।
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पूजन सामग्री: बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, अक्षत आदि चढ़ाएं।
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दीप और धूप: शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
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जप और ध्यान: ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करते हुए ध्यान लगाएं।
क्यों करें सावन में प्रदोष पूजा?
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रोग और संकटों से मुक्ति मिलती है
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जीवन में सुख-शांति और धन-वैभव आता है
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कुंडली दोषों का निवारण होता है
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मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
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