Starbucks के खिलाफ एक ग्राहक ने 41 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि उनके ‘फ्रूट ड्रिंक’ में सिर्फ फ्रूट होता है
Starbucks
Starbucks का वायरल मामला: स्टारबक्स के खिलाफ कोर्ट केस चल रहा है। वास्तव में, कस्टमर्स ने न्यूयॉर्क जिला कोर्ट में लगभग ४१ करोड़ रुपये का क्लास-ऐक्शन लॉ सूट फाइल किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि स्टारबक्स अपनी ‘रिफ्रेशर्स’ श्रृंखला से अत्यधिक लाभ प्राप्त कर रहा है। लेकिन यह पेय फल नहीं है..। Starbucks: बस ऐसा किया गया है कि इसमें फल हैं।
खाने-पीने की वस्तुओं के विज्ञापन कितने अच्छे हैं! अर्थात् पूरी तरह से सटीक..। पित्जा, बर्गर या कोई ड्रिंक। Starbucks: इन सभी को विज्ञापनों में इस तरह दिखाया जाता है कि लोग हंस पड़े। वास्तव में, ड्रिंक्स के विज्ञापनों को देखकर बहुत से लोगों को लगता है कि वे भी उत्साहित हो जाएंगे और एड वाले पात्रों की तरह उछल-कूद करेंगे! लेकिन उत्पाद इतना सुंदर नहीं होता जितना सुंदर विज्ञापन होता है। Starbucks :ग्राहक और उत्पाद से जुड़ा एक मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चा में है। दरअसल, मामला विश्व प्रसिद्ध कंपनी स्टारबक्स से जुड़ा है, जिसे आप भी एक कप कॉफी पीना चाहते होंगे। साथ ही, वीडियो बनाएंगे जब कभी इस फॉफी शॉप जाएंगे। बात करते हैं कि आखिर केस क्या है?
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फ्रूट ड्रिंक में फ्रूट ही नहीं है भाई!
श्रीमान्..। विज्ञापनों में मुंह में पानी लाने वाले फलों और मैंगो ड्रैगनफ्रूट लेमोनेट (स्टारबक्स रिफ्रेशर्स) को दिखाया जा सकता है कि यह गर्मियों में एक अच्छा पेय है! लेकिन एक ग्राहक ने पाया कि कंपनी ड्रिंक के नाम पर जो कुछ कहती है, वह वास्तव में नहीं है। मतलब, किसी फ्रूट ड्रिंक में फ्रूट होना चाहिए..। लेकिन ग्राहक कहते हैं कि फ्रूट नहीं है। स्टारबक्स को अब ४१ करोड़ रुपये का हर्जाना भरना पड़ेगा अगर केस हार गया। इसलिए, कंपनी ने केस को खारिज करने की मांग की है। इसके पीछे तर्क था कि कोई भी कानून कस्टमर को उत्पाद के नाम से धोखा नहीं देगा। उनका कहना था कि फल का नाम ड्रिंक है ताकि स्वाद बताया जा सके। अंदर जो कुछ है, वह नहीं है। स्टारबक्स की अर्जी मैनहट्टन में यूएस जिला जज जॉन क्रोनन ने खारिज कर दी। उनका कहना था कि आम लोग ऐसे नामों से भ्रमित हो सकते हैं। स्टारबक्स के प्रवक्ता ने भी ‘फोर्ब्स’ को एक बयान में कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं। इन दावों का विरोध करेंगे।
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क्या है पूरा मामला?
Starbucks: रॉयटर्स ने कहा कि दो ग्राहकों ने ‘स्टारबक्स’ पर ठगी का आरोप लगाया है। उनका दावा था कि के कई रिफ्रेशर ड्रिंक्स के नाम में “acai”, “पैशनफ्रूट” या “मैंगो” शब्द होने के बावजूद, ये फल उनके इनग्रिडियंट्स नहीं हैं। इन कस्टरमर्स ने न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 5 मिलियन डॉलर (लगभग 41 करोड़ रुपये) का क्लास-ऐक्शन लॉ सूट फाइल किया क्योंकि उनका आरोप था कि Starbucks अपनी ‘रिफ्रेशर्स ड्रिंक’ श्रृंखला से अत्यधिक लाभ कमा रहा है। यह एक श्रृंखला ड्रिंक है जो पानी, हरी कॉफी के अर्क और फलों के रस से बना है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें कोई फल नहीं है; बस इसे ऐसा बनाया गया है कि फल हों। उनका कहना है कि उन्होंने ड्रिंक खरीदने के लिए पैसे इस भरोसे पर दिए थे कि वह उसमें मिलेगा, जिसका प्रचार कंपनी कर रही है। ध्यान दें कि अगस्त 2022 में मुकदमा दायर किया गया था।
थोड़ा Starbucks के बारे में भी जान लीजिए
याद रखें कि 1971 में अमेरिका के सियाटल में स्टारबक्स का पहला स्टोर खुला था। धीरे-धीरे कंपनी ने लोगों का भरोसा जीता और “स्टारबक्स कॉफी” की सबसे बड़ी चेन बन गई। ठीक है, स्टारबक्स के 30 हजार स्टोर 80 देशों में 87 हजार अलग-अलग किस्मों की कॉफी बेचते हैं। और हां, कॉफी भी बहुत महंगी होती है। लेकिन इसके बावजूद, जनता उनकी कॉफी का आदर करती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘स्टारबक्स’ ने 2014 में लगभग 4,000 रुपये की सबसे महंगी कॉफी बेचने का रिकॉर्ड बनाया था।
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