भारत की रेस्लर Vinesh Phogat अभी भी पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीत सकती है। विनेश फोगाट का केस आर्बिट्रेशन कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कल सुबह इस पर निर्णय होगा और IOC उनको पुरस्कार दे सकती है।
भारत की रेस्लर Vinesh Phogat को अच्छी खबर मिली है। 2024 पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिल सकता है। विनेश फोगाट का मामला कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने स्वीकार कर लिया है। विनेश फोगाट को ओवरवेट करने का आरोप लगाया गया था। ऐसे में विनेश फोगाट ने कोर्ट का ध्यान दो मुद्दों पर खींचा था। इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (IOC) को विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल देने के लिए कल सुबह फैसला हो सकता है, जबकि एक मुद्दा पर कोर्ट का जवाब आ चुका है।
वास्तव में, विनेश फोगाट को सात अगस्त को 50 किलोग्राम भार वर्ग में वुमेंस फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में उतरना था। उस दिन वे प्री-क्वॉर्टर फाइनल, क्वॉर्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंचीं, इसलिए उनका सिल्वर मेडल पक्का था। हालाँकि, फाइनल मैच की सुबह उनका वजन मापा गया, जिसमें 100 ग्राम से अधिक था, इसलिए वे अयोग्य घोषित किए गए। वहीं, विनेश को सेमीफाइनल में हराने वाले खिलाड़ी को फाइनल में जगह दी गई। ओलंपिक मेडल से चूकने के बाद विनेश और उनके साथियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
विनेश फोगाट एंड टीम ने खेल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में अपना केस दायर किया। 7 अगस्त की रात करीब 8 बजे विनेश फोगाट ने दो मुद्दों को लेकर न्यायालय को पत्र भेजा। स्पोर्ट्स तक की रिपोर्ट के अनुसार, विनेश ने पहली बात उठाई कि अभी उनका वजन नापा जाए क्योंकि अभी भी चार घंटे का समय है (मेल लिखते समय)। दूसरा मुद्दा था कि मैंने सेमीफाइनल तक जीता था और वजन कम था, इसलिए कम से कम सिल्वर मेडल मिलना चाहिए था। कोर्ट ने इन दो मुद्दों में से एक पर जवाब दिया है और कहा कि क्योंकि मैच तय हो चुका है, इसमें कोई बदलाव नहीं हो सकता. दूसरे मुद्दे पर जवाब 24 घंटे में मिलेगा, यानी कल सुबह 8 बजे पेरिस के समय और 11 बजे भारत के समय।
कोर्ट इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी से अनुरोध कर सकता है कि विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाए अगर उनका दावा सही है। वह सिल्वर मेडल की हकदार हैं, भले ही ये दो मेडल मिलकर मिले हों। विनेश को सिल्वर मेडल मिल सकता है अगर ऐसा होता है। प्री-क्वॉर्टर फाइनल में विनेश फोगाट ने जापान की यूई सुसाकी को हराया, जो पिछले कुछ समय से एक भी मुकाबला नहीं हारी थीं।