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Vastu Tips: वास्तु के कुछ नियम जो आपकी परेशानियों को करेंगे दूर, घर में खुशियां आएंगी 

Vastu Tips:

Vastu Tips: शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जीने के लिए घर में पंचतत्वों का संतुलन होना आवश्यक है। घर की हर वस्तु किसी न किसी तत्व को दर्शाती है। यदि घर वास्तु के अनुसार व्यवस्थित होता है, तो इसमें सकारात्मक ऊर्जा रहती है, जो घर में रहने वाले लोगों को निरोग, सुखी और धनवान बनाता है। आपके घर की आंतरिक साज-सज्जा, वास्तु सिद्धांत के अनुसार, वास्तु दोषों को दूर करने या कम करने में मदद कर सकती है। घर में सुख-शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने के लिए कुछ वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए।

  • घर में पूजा की दिशा बहुत महत्वपूर्ण है। यदि पूजाघर की ओर कोई भारी सामान रखा गया है या ये सही जगह पर नहीं हैं, तो इससे घर पर बहुत नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। पूजाघर को उत्तर-पूर्व या ईशान कोण पर रखना चाहिए ताकि मन शांत रहे और घर चौमुखी हो जाए। क्योंकि ये देवताओं की जगह हैं यह भी सुनिश्चित करें कि पूजाघर के ऊपर या नीचे कभी सीढ़ियां, टॉयलेट या रसोईघर नहीं होंगे।
  • ठीक होने के बाद भी, अगर आपको लगता है कि हमारे पास पैसा नहीं है, तो आपको अपने घर के दक्षिण-पूर्व हिस्से से नीला रंग हटाना चाहिए। इस दिशा में हल्के गुलाबी और नारंगी रंगों का प्रयोग करें।
  • समय-समय पर घर से धूल-गंदगी और मकड़ी के जाले हटाने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।
  • पार्किंग हेतु उत्तर-पश्चिन स्थान प्रयोग में लाना शुभ माना गया है।
  • नियमित रूप से घर में बनी हुई क्यारियों या गमलों में लगे पौधों को पानी देना चाहिए। यदि कोई पौधा सूख जाए तो उसे तुरंत बाहर निकाल दें।
  • दक्षिण-पश्चिम में ओवरहैड जल टैंक लगाना फायदेमंद रहता है।
  • दरवाज़े को बंद करते समय सावधानी से बंद करें, ताकि कोई कर्कश ध्वनि न निकले।
  • यदि आपने घर में एक पूजा घर बना रखा है, तो शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उसमें नियमित रूप से पूजा करना चाहिए. पूजा करने के लिए दक्षिण-पश्चिम की दिशा में बना कमरा नहीं प्रयोग करना चाहिए।
  • किचन प्लेटफार्म के आग्नेय कोण में गैस चूल्हा के दोनों तरफ कुछ इंच जगह छोड़कर रखना वास्तु सम्मत है।
  • शीशे को सोते समय ढक दें और ड्रेसिंग टेबल को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।
  • किसी भी परिस्थिति में दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना नहीं चाहिए; ऐसा करने से आपको घबराहट, नींद में कमी और बेचैनी हो सकती है।
  • शयन कक्ष के मुख्य द्वार की ओर पैर नहीं करके सोएं। सोते समय सिर पूर्व और पैर पश्चिम में रखने से आध्यात्मिक भावना बढ़ती है।
  • कैक्टस के पौधे, कंटीली झाड़ियाँ, या काँटों के गुलदस्ते जो की गमलों को सजाते हैं, घर या कमरों में नहीं होना चाहिए।
  • घर में हल्का सामान उत्तर, ईशान, पूर्व या वायव्य दिशा में रखना शुभ होता है।
  • घर में जहाँ तक संभव हो, आग से जुड़े उपकरणों को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। घर में विद्युत उपकरणों को उचित ढंग से रखना चाहिए, ताकि कोई आवाज या शोर नहीं निकले।
  • मधुर संबंधों के लिए अतिथियों की जगह उत्तर या पश्चिम की ओर होनी चाहिए।
  • आरोग्य के दिशा क्षेत्र उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में दवाइयां रखने से ये जल्दी असर दिखाती हैं।

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