Delhi News: अरविंद केजरीवाल की तरह ही अब ‘आप’ की नेता और दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने भी आज हनुमान मंदिर जाकर माथा टेका और भगवान की पूजा-अर्चना की। आतिशी ने कल की मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है।।
Delhi News: दिल्ली के कनॉट प्लेस का प्राचीन हनुमान मंदिर अब आम आदमी पार्टी (आप) की सियासत का नया केंद्र बिंदु बन गया है। अरविंद केजरीवाल की तरह अब दिल्ली की मुख्यमंत्री और ‘आप’ की नेता आतिशी ने आज हनुमान मंदिर जाकर माथा टेका और भगवान की पूजा की।
कल ही आतिशी ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया है। आतिशी ने केजरीवाल सरकार में उनके पास रहे 13 विभागों (शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी) को अपने पास रखा है।
अरविंद केजरीवाल भी बार-बार यहां आते रहते हैं। दिल्ली के एक कथित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी उन्होंने हनुमान मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की थी। वह लोकसभा चुनाव के दौरान कुछ दिन की अंतरिम जमानत के दौरान भी यहां आए थे। जेल से बाहर आने पर मनीष सिसोदिया ने भी हनुमान मंदिर में माथा टेका था।
सोमवार को दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि चार महीने बाद दिल्लीवासी उनके प्यार और भरोसे के साथ दोबारा अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे; तब तक, उनकी कुर्सी उनका इंतजार करेगी और वह किसी अन्य पद पर बैठकर सरकार चलाएगी।
आतिशी अगले चार महीने तक दिल्ली की सरकार चलाएंगी, ठीक उसी तरह जैसे भरत जी ने अयोध्या पर चौबीस वर्षों तक राज किया था। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम नाम दिया गया क्योंकि वे अपने पिता की प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए चौबीस वर्ष तक वनवास में रहे। उनकी जिंदगी हम सबके लिए नैतिकता और मर्यादा का उदाहरण है। ठीक उसी तरह, केजरीवाल ने देश की राजनीति में नैतिकता और मर्यादा का उदाहरण दिया है। भाजपा ने पिछले दो वर्षों से केजरीवाल को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा ने उन पर झूठे मुकदमे लगाए, गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी, तब कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण थी। उन्होंने कहा कि कोई और नेता होता तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से पहले दो मिनट नहीं सोचता, लेकिन केजरीवाल ने कहा कि वह तब तक इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर भरोसा नहीं दिखाते और उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी केजरीवाल की है। उन्हें पूरा भरोसा है कि चार महीने बाद फरवरी में होने वाले चुनाव में दिल्लीवासी अरविंद केजरीवाल को अपने प्यार और भरोसे से फिर से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाएंगे। केजरीवाल के आगमन तक यह कुर्सी इसी कमरे में रहेगी।