Sharadiya Navratri :नवरात्रि में इस दिशा में अखंड ज्योति जलाएं; धन की कमी नहीं होगी
Sharadiya Navratri : शारदीय नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति रखने की सही दिशा का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसका घर के हर सदस्य पर जरूर असर होता है।
Sharadiya Navratri: शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो गई है। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण है। 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। नौ दिनों के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करके कलश स्थापित किया जाता है। अखंड ज्योति भी जलाई जाती है।शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान दो प्रकार के दीपक जलाए जाते हैं: एक कर्मदीप, जो सिर्फ पूजा के दौरान जलाया जाता है, और दूसरा अखंड दीपक, जो किसी त्योहार या मांगलिक कार्य की शुरुआत से लेकर उसके अंत तक जलाया जाता है। इस दीपक को हर घर में जलाया जाना चाहिए, जहां नवरात्र की कलश लगाई गई है। इसे जलाने से घर में शांति, सुख और समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा भी बाहर निकल जाती है। नवरात्रि के दौरान हम कलश स्थापित करने और मां दुर्गा की पूजा करने की दिशा पर अधिक ध्यान देते हैं, लेकिन अखंड ज्योति की सही दिशा और तरीका भूल जाते हैं। जो हमारे जीवन पर अधिक प्रभाव डालता है। अगर आप भी इस बार घर में एक अखंड ज्योति जला रहे हैं, तो इस मंत्र को दिशा के साथ-साथ याद रखें..।
शास्त्रों के अनुसार, अखंड का अर्थ है जो टूट नहीं जाता। यदि आप पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति नहीं जला सकते हैं, तो नवरात्रि के पारण करने तक ज्योति को कभी नहीं बंद करना चाहिए।
पश्चिम दिशा में निरंतर प्रकाश रखने के परिणाम
देवी भागवत पुराण कहता है कि पश्चिम की ओर अखंड ज्योति रखने से मां बहुत प्रसन्न होती है। वह सुख-समृद्धि और संपन्नता देती है।
शास्त्रों में पूजा के लिए पूर्व दिशा सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है, क्योंकि वहाँ सूर्योदय होता है और हर देवता वहाँ रहते हैं। मां लक्ष्मी इस दिशा में अखंड ज्योति जलाने से बहुत प्रसन्न होती है और सुख-समृद्धि, धन-वैभव और खुशहाली का वरदान देती है।
उत्तर की ओर अखंड ज्योति रखने के परिणाम
उत्तर दिशा में निरंतर प्रकाश होने से घर में रहने वाले लोगों की आयु लंबी होती है और अकाल मृत्यु का भय कम होता है।
दक्षिण दिशा में अखंड ज्योत की बाती: देवी भागवत पुराण के अनुसार, अगर कोई साधक घर में अखंड ज्योत जलाते समय दीपक की बाती को दक्षिण दिशा की ओर करता है, तो इसे अशुभ माना जाता है क्योंकि ये दिशा यमराज की होती है। ऐसे में इस दिशा में निरंतर प्रकाश की बाती होने से घर में एक घात या साल भर में किसी की मृत्यु होनी चाहिए। इसलिए इस दिशा में कभी भी अखंड प्रकाश की बाती न रखें। इससे पैसे भी खो सकते हैं।
अखंड ज्योति को किस दिशा में रखना सबसे अच्छा है? आग्नेय कोण, यानी दक्षिण-पूर्व दिशा, सबसे अच्छा है। इस दिशा में रखने से खुशहाली, सुख-समृद्धि और धन लाभ मिलता है।
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के मंत्र: ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन: दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सटीक या विश्वसनीय नहीं है। आप ये जानकारी ज्योतिषियों, पंचांगों, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से प्राप्त की है। हमारा लक्ष्य सिर्फ सूचना देना है। इसे सही और सिद्ध नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार का इस्तेमाल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।