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उपराज्यपाल पर भड़के Saurabh Bhardwaj, कहा “क्या एलजी को लगता है कि दिल्लीवासी मूर्ख हैं घास खाते हैं?

Saurabh Bhardwaj ने कहा, जो बात हम कई महीनों से कह रहे थे वो बात अब साबित हो गई कि फार्म हाउस को बचाने के लिए जमीन पर सड़क की एलाइनमेंट ही बदल दी गई, यानि रिज के पेड़ काटकर सड़क बना दी गई।’

दिल्ली सरकार के मंत्री Saurabh Bhardwaj ने सुप्रीम कोर्ट में उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को 1,600 से अधिक पेड़ों की कटाई के मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि क्या ये संभव है कि रिज में जूनियर अधिकारी 1670 पेड़ कटवा दे। आगे उन्होंने पूछा कि क्या LG विनय सक्सेना को लगता है कि दिल्ली वाले मूर्ख हैं, घास खाते हैं?

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, “जबकि दिल्ली में बच्चे और एनजीओ पेड़ लगा रहे हैं, केंद्र सरकार का डीडीए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना रिज क्षेत्र में 1,670 पेड़ काट रहा है।” इसके अलावा, डीडीए और एलजी के वकील सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोल रहे हैं।’

इस बारे में सौरभ ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भाजपा और उसके LG का झूठ पकड़ा गया। फार्म हाऊस को बचाने के लिए काटे गए थे रिज के 1100 पेड़ और फिर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर झूठ बोला।’

“फार्म हाउस की सुरक्षा के लिए काटे गए पेड़”

उन्होंने बताया कि रिज में सड़क बनाने की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन मैप में जो एलाइनमेंट दिखाई गई थी, उससे उलट फार्म हाउस को बचाने के लिए सड़क की एलाइनमेंट ही बदल दी गई। हम कई महीनों से कह रहे थे कि फार्म हाउस को बचाने के लिए सिर्फ जमीन पर सड़क की लाइनमेंट बदल दी गई, यानी नक्शे के अनुसार फार्म हाउस को हटाकर सड़क बनानी थी, लेकिन रिज के पेड़ों को काटकर सड़क बनाई गई।’

‘क्या उपराज्यपाल को दिल्ली वाले मूर्ख लगते हैं’

भारद्वाज ने पूछा, “मैं यह जानना चाहता हूं कि क्या ये संभव है कि जूनियर अधिकारी भी रिज में 1670 पेड़ कटवा दे? और किसी वन अधिकारी ने जब ये पेड़ काट रहे थे तो इन्हें रोका नहीं? वहाँ कोई पुलिस अधिकारी नहीं आया? LG विनय सक्सेना को लगता है कि दिल्लीवासी मूर्ख हैं?’

सुप्रीम कोर्ट में अधिकारियों ने झूठ बोला

सौरभ ने बताया कि जब रिज में पेड़ों की कटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा, DDA और केंद्र के वकीलों ने ऑन रिकॉर्ड कहा कि LG साहब पेड़ कटने वाली जगह पर नहीं गए। लेकिन बाद में, जब कोर्ट ने प्रत्येक अफसर से हलफनामा मांगा, एक अधिकारी ने बताया कि LG साहब 3 फरवरी को उस स्थान पर गए थे जहां बाद में गैरकानूनी तरीके से पेड़ काटे गए थे, और सभी वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद थे जहां पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी।

“LG साहब ने शपथ लेकर झूठ बोला”

जब सुप्रीम कोर्ट ने LG साहब से पूछा कि आपको कब पता चला कि DDA ने गैरकानूनी रूप से पेड़ काट दिए हैं, तो मंत्री ने जवाब दिया। हलफनामे में LG साहब ने कहा कि 10 जून 2024 को पता चला, लेकिन DDA के वाइस चेयरमैन ने एक पत्र लिखा, जिसमे LG साहब को बताया गया कि मैंने आपको 12 अप्रैल 2024 को भी बताया था। यानी एलजी साहब सुप्रीम कोर्ट के सामने शपथ लेकर झूठ बोल रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एलजी की अध्यक्षता में डीडीए अपनी फाइलों की जांच से क्यों बच रहा है। भारद्वाज ने यह भी सोचा कि क्या केंद्र एलजी को बचाने की कोशिश कर रहा है, जिसने कथित तौर पर 1,670 पेड़ों को अवैध रूप से काटने का आदेश दिया था।

भारद्वाज ने कहा कि वर्तमान में पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर जिस तरह बढ़ा है, इससे पता चलता है कि पेड़ों का महत्व क्या है। ऐसे में 1100 पेड़ दिल्ली के रिज क्षेत्र में काट दिए गए। जब एक NGO ने इस मामले को उठाया तो मामला कोर्ट में पहुंचा और LG की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि 1100 पेड़ नहीं काटे गए।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने एलजी और डीडीए उपाध्यक्ष द्वारा रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के बारे में उन्हें कब पता चला, इस बारे में दिए गए बयानों और समयसीमा में विसंगतियों को नोट किया।

बता दें कि दक्षिणी दिल्ली के सतबारी रिज क्षेत्र में 1,100 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई के लिए डीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ दायर अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई चल रही है।

 

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