Kartik Purnima Vrat: भरणी नक्षत्र के सुयोग में कार्तिक पूर्णिमा व्रत 15 नवंबर को, गंगा स्नान से पूरे वर्ष का लाभ मिलता है
Kartik Purnima: 15 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा भरणी नक्षत्र के सुयोग में मनाई जाएगी। पूर्णिमा के दिन धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, जिसमें पवित्र नदी में स्नान करना, पूजन करना और दान करना शामिल है। दान करने से भक्तों को पापों से मुक्ति मिलेगी।
Kartik Purnima Vrat: 15 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा भरणी नक्षत्र के सुयोग में मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा को भारतीय संस्कृति में धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन काशी में देव दीपावली महोत्सव मनाया जाएगा, जो देवताओं की दीपावली है। पूर्णिमा के दिन धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, जिसमें पवित्र नदी में स्नान करना, पूजन करना और दान करना शामिल है। दान करने से भक्त पापों से छुटकारा पाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा को भगवान विष्णु की अपार कृपा बरसती है। इस दिन गंगा स्नान करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और पाप दूर होते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण ने मत्स्य अवतार लिया था। पूर्णिमा को भगवान विष्णु के निकट अखण्ड दीप दान करने से दिव्य कांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक को धन, यश, कीर्ति का लाभ भी मिलता है। गंगा स्नान के बाद दीप दान करने से भक्तों को 10 यज्ञों के समान फल मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर बरसेगी श्रीहरि की विशेष कृपा: कार्तिक महीना भगवान कार्तिकेय द्वारा की गई प्राप्ति एवं शत्रुओं पर विजय पाने के लिए कार्तिकेय जी के दर्शन करने का विधान है। पुरोहित आचार्य हेमंत पाण्डेय ने बताया कि पूर्णिमा के दिन स्नान, अर्घ्य, तर्पण, जप-तप, पूजन, कीर्तन एवं दान-पुण्य करने से स्वयं भगवान विष्णु पापों से मुक्त करके जीव को शुद्ध कर देते हैं।
गंगा स्नान से मिलता है पूरे वर्ष का फल: कार्तिक माह की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को पुराणों में अति पुष्करिणी कहा गया है। स्कंद पुराण के अनुसार जो प्राणी कार्तिक मास में प्रतिदिन स्नान करता है, वह यदि केवल इन तीन तिथियों में सूर्योदय से पूर्व स्नान करे, तो पूर्ण फल का भागी हो जाता है। शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत महत्व बताया गया है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष गंगा स्नान करने का फल मिलता है।