राज्यपंजाब

Harpal Singh Cheema ने सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और पूंजी विस्तार के लिए सहकारिता विभाग को पूर्ण समर्थन दिया

Harpal Singh Cheema: सहकारिता विभाग को पंजाब के आर्थिक विकास की रीढ़ माना

  • वित्त वर्ष 2023-2024 के दौरान प्रतिदिन 31 लाख लीटर दूध की रिकॉर्ड खरीद के लिए मिल्कफेड की सराहना की
  • गन्ने का रकबा 2022-23 में 50,429 हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 56,391 हेक्टेयर हो जाएगा
  • 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन

Harpal Singh Cheema: सहकारिता विभाग को पंजाब के आर्थिक विकास की रीढ़ मानते हुए राज्य के वित्त, योजना, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार और विशेष रूप से वित्त विभाग सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने और इसके पूंजी विस्तार के लिए सहकारिता विभाग को पूर्ण सहयोग दे रहा है। वित्त मंत्री चीमा ने यह बात टैगोर भवन में 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के अंतिम दिन राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कही।

इस अवसर पर सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किए गए वेब पोर्टल ‘फुलकारी’ का शुभारंभ करते हुए मंत्री चीमा ने कहा कि इस पोर्टल का उद्देश्य राज्य भर में महिला कारीगरों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को विश्व स्तरीय बिक्री का अवसर प्रदान करना है। उन्होंने वेरका के नए उत्पादों और सहकारिता विभाग की कॉफी टेबल बुक का भी अनावरण किया।

वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि शुगरफैड, जो 2022 में मौजूदा सरकार के सत्ता में आने पर 400 करोड़ रुपए से अधिक की देनदारियों के बोझ तले दबा हुआ था, पिछले दो सालों में एक संपन्न संस्था में तब्दील हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान न केवल इन देनदारियों को निपटाया गया है, बल्कि संस्था को काफी मजबूत भी किया गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, गन्ने की खेती का रकबा 2022-23 में 50,429 हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 56,391 हेक्टेयर हो गया है। इस संस्था को घाटे से मुनाफे में लाने के भी प्रयास किए गए हैं, जिसके तहत भोगपुर सहकारी चीनी मिल में धान की पराली पर चलने वाले 14 मेगावाट के को-जनरेशन प्लांट से 2023-24 में 15.31 करोड़ रुपए की कमाई होगी।

वित्त मंत्री चीमा ने मिल्कफेड को देश की शीर्ष तीन दूध उत्पाद एजेंसियों में से एक बताते हुए कहा कि मिल्कफेड ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के दौरान प्रतिदिन 31 लाख लीटर दूध खरीद कर कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने वेरका कैटल फीड प्लांट, घनिया के बांगर में 50 एमटीपीडी बाई-पास प्रोटीन प्लांट और गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना में 50,000 एलपीडी तक की क्षमता वाली किण्वित दूध प्रसंस्करण और पैकेजिंग इकाई के चालू होने का भी जिक्र किया। इस अवसर पर उन्होंने वेरका के नए उत्पादों का अनावरण किया जिनमें गाय के घी के 1-लीटर प्लास्टिक जार, शुगर-फ्री खीर, शुगर-फ्री मिल्क केक और शुगर-फ्री पियो प्रोटीन शामिल हैं।

वित्त मंत्री चीमा ने किसानों को धान-गेहूँ के चक्र से हटाने के लिए मूंग के लिए मूल्य समर्थन योजना के माध्यम से फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने में मार्कफेड की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मार्कफेड ने 7,584 मीट्रिक टन मूंग की खरीद की, जिससे 4,515 किसानों को लाभ हुआ। चीमा ने कहा कि मार्कफेड द्वारा तैयार और विपणन किए जाने वाले प्रसंस्कृत खाद्य और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता ने दुनिया भर में पहचान बनाई है, जिससे सहकारी समितियों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मजबूत मंच मिला है।

वित्त मंत्री चीमा ने किसानों को कृषि और अन्य जरूरतों के लिए कम ब्याज दर पर ऋण देने के लिए सहकारी बैंकों की सराहना करते हुए कहा कि इन बैंकों की ताकत और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए इन्हें कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके सहकारिता मंत्री के कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए एक प्रोजेक्ट के तहत 50 प्रतिशत बैंकों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। इस उपलब्धि के लिए बैंकों को बधाई देते हुए उन्होंने अधिकारियों से ऋण वसूली में सुधार लाने का आग्रह किया ताकि अधिक से अधिक किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण मुहैया करवाया जा सके।

मंत्री चीमा ने सहकारिता विभाग के भीतर लेबरफेड, पंजाब राज्य सहकारी विकास संघ लिमिटेड और पंजाब सहकारी प्रशिक्षण संस्थान सहित अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों के योगदान को भी स्वीकार किया। उन्होंने पराली प्रबंधन के लिए 3,000 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को लगभग 15,000 कृषि उपकरण उपलब्ध कराने पर जोर दिया, जिससे पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद मिली है। उन्होंने आगे कहा कि फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए पंजाब में 12 नए खाद्य प्रसंस्करण संगठन स्थापित किए गए हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव वी.के. सिंह ने अपने संबोधन में बर्ट्रेंड रसेल के कथन को रेखांकित किया, “मानवता को मुक्ति दिलाने वाली एकमात्र चीज़ सहकारिता है।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसानों को मौजूदा कृषि संकट से बाहर निकालने के लिए सहकारिता आंदोलन ज़रूरी है। उन्होंने बताया कि किसान पहले खुदरा मूल्य पर कृषि के लिए इनपुट खरीदते थे और अपनी उपज थोक मूल्य पर बेचते थे, और केवल सहकारी समितियों के माध्यम से ही वे थोक मूल्य पर खरीद सकते हैं और खुदरा मूल्य पर बेच सकते हैं।

सहकारिता विभाग की सचिव अनिंदिता मित्रा ने 71वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के दौरान आयोजित कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। अपने संबोधन से पहले सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार विमल कुमार सेतिया ने कार्यक्रम में आए गणमान्यों का स्वागत किया।

इस दौरान चीमा ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों, खाद्य प्रसंस्करण समितियों, प्रगतिशील किसानों, श्रम एवं निर्माण सहकारी समितियों, सहकारी बैंकों, वेरका डेयरी और चीनी मिलों को 28 अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया। उन्होंने जेआईसीए महिला स्व-सहायता समूह, जगराओं, न्यू सोना स्व-सहायता समूह, बठिंडा, श्री गुरु अर्जन देव महिला स्व-सहायता समूह, समराला, फतेह हस्तशिल्प महिला स्व-सहायता समूह, पटियाला, खिजराबाद महिला स्व-सहायता समूह, मोहाली, मिल्कफेड, मार्कफेड और पंजाब कृषि सहकारी समितियों द्वारा लगाए गए स्टालों का भी दौरा किया और उनके प्रयासों की सराहना की।

इस अवसर पर सचिव सहकारिता रितु अग्रवाल, चेयरमैन पीएससीबी जगदेव सिंह भाम, चेयरमैन एसएडीबी सुरेश गोयल, चेयरमैन मिल्कफेड नरिंदर सिंह शेरगिल, चेयरमैन मार्कफेड अमनदीप सिंह मोही, चेयरमैन शुगरफेड नवदीप सिंह जीदा, चेयरमैन लेबरफेड विश्वास सैनी और चेयरमैन हाउसफेड नरिंदर सिंह भी उपस्थित थे।

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