Gst On Upi Transactions: क्या अब UPI से 2000 से अधिक भेजने पर जीएसटी लगेगा? वित्त मंत्रालय ने उत्तर दिया

Gst On Upi Transactions: मंत्रालय ने कहा कि सरकार 2 हजार रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने का विचार कर रही है, यह पूरी तरह से झूठ है। यह अफवाह बिना किसी प्रमाण के फैलाई गई है।’
Gst On Upi Transactions: 2,000 रुपये से अधिक पैसे यूपीआई से भेजने पर क्या जीएसटी लगेगा? ऐसे दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं। अब वित्त मंत्रालय ने खुद इस बात की पुष्टि की है। शुक्रवार को मिनिस्ट्री ने बयान जारी किया। इसमें कहा कि सरकार 2 हजार रुपये से अधिक के UPI ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने की सोच रही है, यह पूरी तरह से झूठ है। यह अफवाह बिना किसी प्रमाण के फैलाई गई है। ऐसा कोई प्रस्ताव अभी सरकार के पास नहीं है।’
GST मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) जैसे कुछ विशिष्ट खर्चों पर लगाया जाता है। जनवरी 2020 से, ग्राहक से व्यापारी (पी2एम) के बीच यूपीआई लेनदेन पर एमडीआर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हटा दिया है। “चूंकि UPI लेनदेन पर इस समय कोई एमडीआर नहीं लगाया जाता है, इसलिए इन लेनदेन पर कोई जीएसटी लागू नहीं है”, मंत्रालय ने कहा।जैसा कि आप जानते हैं, यूपीआई लेनदेन में तेजी से वृद्धि हुई है; 2019-20 वित्त वर्ष में 21.3 लाख करोड़ रुपये से मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गया। मंत्रालय ने कहा कि सरकार यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ाना चाहती है।
देश भर में UPI लेनदेन
भारत में UPI लेनदेन तेजी से बढ़ा है। यूपीआई ने 2019-20 वित्त वर्ष में 21.3 लाख करोड़ रुपये से कुल भुगतान किया, जो मार्च 2025 तक समाप्त वित्त वर्ष में 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पी2एम लेनदेन पिछले वित्त वर्ष के अंत तक 59.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सरकार ने 2022–2022 से पी2एम लेनदेन को प्रोत्साहित करने की एक योजना शुरू की है। इस योजना के लिए वर्ष 2021–2022 में 1,389 करोड़ रुपये, वर्ष 2022–2023 में 2,210 करोड़ रुपये और वर्ष 2023–2024 में 3,631 करोड़ रुपये दिए गए।
जीएसटी के बारे में अधिक जानकारी
GST, एक इनडायरेक्ट टैक्स प्रणाली, 1 जुलाई 2017 को देश में लागू हुआ। यह वैट, सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी सहित कई केंद्रीय और राज्य करों को एकमात्र टैक्स सिस्टम बनाता है। जीएसटी का उद्देश्य कर प्रणाली को पारदर्शी, सरल और कारोबार के लिए सुलभ बनाना है। इसे ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के सिद्धांत पर लागू किया गया, जिससे पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं पर एकसमान टैक्स लगता है।
GST चार श्रेणियों में विभाजित है: 5%, 12%, 18% और 28%। खाद्य अनाज 0% टैक्स के दायरे में आता है। नुकसानदायक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जाता है। जीएसटी ने कारोबार को डिजिटल बनाया है क्योंकि रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग और पेमेंट ऑनलाइन होते हैं। हालाँकि, शुरुआत में छोटे कारोबारियों को तकनीक से जुड़े मुद्दे सामने आए। GST ने टैक्स चोरी पर काफी हद तक नियंत्रण किया है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को आसान बनाया है।