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Delhi: AAP ने उठाए सवाल, दिल्ली विधानसभा में वीर सावरकर और दयानंद सरस्वती की तस्वीर लगेगी

Delhi News: दिल्ली विधानसभा में वीर सावरकर, महर्षि दयानंद सरस्वती और पंडित मदन मोहन मालवीय के चित्र लगाए जाएंगे। वहीं AAP ने सावित्रीबाई फुले की तस्वीर वाले प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया।

Delhi News: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है। उन्होंने कहा वीर सावरकर, महर्षि दयानंद सरस्वती और पंडित मदन मोहन मालवीय के चित्र जल्द ही दिल्ली विधानसभा परिसर में लगाए जाएंगे। बुधवार (21 मई) को इसकी घोषणा की गई। जनरल पर्पजेस कमेटी की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता खुद स्पीकर ने की, यह निर्णय लिया। कमिटी ने उनका सम्मान करने का प्रस्ताव पारित किया। गुप्ता के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि इन महापुरुषों का शिक्षा, समाज सुधार और स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय योगदान देखा गया।

अभय वर्मा ने प्रस्ताव पेश किया था

जनरल पर्पजेस कमेटी के सदस्य अभय वर्मा ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। उनका कहना था कि विधानसभा में इन महान विभूतियों की तस्वीरें लगाना उनके अनूठे योगदान को सम्मान देने जैसा होगा। यह प्रयास भविष्य की पीढ़ियों को देशभक्ति, सेवा और लोकतंत्र के मूल्यों से प्रेरित करेगा। गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय न केवल इन महापुरुषों का सम्मान करता है, बल्कि दिल्ली की जनता में राष्ट्रीय गर्व, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की विधानसभा की एकजुट भावना को भी दर्शाता है।

सावित्रीबाई फुले की तस्वीर को अस्वीकार किया गया- AAP

इस बैठक के बाद भी बहस हुई। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के विधायकों ने भी माता सावित्रीबाई फुले की तस्वीर को समिति की बैठक में लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन वह अस्वीकार कर दिया गया। AAP विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि सीलमपुर विधायक चौधरी जुबैर अहमद और सीमापुरी विधायक वीर सिंह धिंगान ने सावित्रीबाई फुले की तस्वीर लगाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह पारित नहीं हुआ।

कुलदीप कुमार ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर हटाई थी और पार्टी ने महान लोगों का अपमान किया है।

आतिशी ने क्या कहा?

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी BJP को एक्स पर दलित, महिला और शिक्षा विरोधी बताया। उनका दावा था कि विपक्षी विधायकों का प्रस्ताव जानबूझकर खारिज किया गया था। विधानसभा अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि AAP विधायकों ने सिर्फ मौखिक रूप से बैठक में यह मांग उठाई, कोई लिखित प्रस्ताव नहीं।

अधिकारियों ने कहा कि मीडिया में दिए गए भ्रामक बयानों को लेकर स्पीकर ने संज्ञान लिया है और इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी

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