
Delhi News: एक पीड़ित परिवार ने बताया कि आज से चालिस वर्ष पहले उनके पिता को उनके सामने ही मारा गया था। दीपक सेठी के मुताबिक उनके जख्म तब भरेंगे जब दंगे के आरोपियों को फांसी होगी।
Delhi News: मंगलवार को दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों के 19 पीड़ित परिवारों के लिए 40 साल बाद राहत और सम्मान का दिन था। दिल्ली सरकार ने आज दिल्ली सचिवालय में एक कार्यक्रम में 19 पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन पीड़ित परिवारों को ये नियुक्ति पत्र दिए।
नियुक्ति पत्र पाने वाले दीपक सेठी और मनजीत सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में अपने परिजनों की मौत का दुःख साझा किया और बताया कि उनके पिता को आज से चार दशक पहले उनके सामने ही मारा गया था। ऐसे में दोनों ने कहा कि आज सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र मिलने के बाद उनके घावों पर कुछ मरहम लगा है. दीपक सेठी ने कहा कि दंगे के आरोपियों को फांसी होगी।
दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, जो दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1984 के दंगा पीड़ितों की लड़ाई को वह वर्षों से कोर्ट और सड़कों पर लड़ते आ रहे हैं और अब इसका परिणाम मिला है। साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा किया कि ये सब आम आदमी पार्टी की 10 सालों की सरकार में भी हो सकता था जो उनकी सरकार ने 100 दिन में कर दिखाया।
1984 दंगा में 125 परिवारों को नामांकित किया गया
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को बताया कि 1984 दंगा पीड़ित 125 परिवारों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से 19 को आज नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। नवंबर 2024 में दंगा पीड़ित 47 परिवारों के सदस्यों को नौकरी का ऑफर लेटर दिया गया था और जनवरी में 57 परिवारों को, लेकिन कई पीड़ित परिवारों को उम्र और शिक्षा की शर्तों के कारण नौकरी नहीं मिली. इस वर्ष जनवरी में उपराज्यपाल ने उम्र और शिक्षा की शर्तों को हटाने का निर्णय लिया, जिससे 125 और परिवारों के सदस्यों को नौकरी मिली है।
1984 में दंगे के पीड़ित परिवारों के सदस्यों को मिले नियुक्ति पत्रों में कहा गया था कि वे दिल्ली सरकार के कार्यालय में ग्रेड 1 पे स्केल पर काम करेंगे और उनके पास दो वर्ष का प्रोबेशन पीरियड होगा। 1984 में राजधानी दिल्ली समेत कई स्थानों में हुए सिख विरोधी दंगों में 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और हजारों परिवारों को बर्बाद कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज कार्यक्रम के दौरान एक और महत्वपूर्ण घोषणा की: दंगा पीड़ित परिवारों के सदस्यों को नौकरी के नियुक्ति पत्र। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार भी इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद लोकतंत्र समर्थकों को पेंशन देगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार पर भरोसा दिलाया कि वह अपने सभी वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी।