राज्यदिल्ली

Arvind Kejriwal विधानसभा उपचुनाव में AAP की जीत बोले– ‘जनता ने भाजपा को दिखाया आइना

AAP प्रमुख Arvind Kejriwal ने साफ कहा कि वह राज्यसभा नहीं जा रहे हैं। लुधियाना और गुजरात उपचुनाव में पार्टी की जीत को जनता के भरोसे की जीत बताया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से AAP से जुड़ने की अपील की।

Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी (AAP) ने हाल ही में हुए पांच विधानसभा उपचुनावों में से दो सीटों पर जीत दर्ज कर एक बार फिर अपनी राजनीतिक पकड़ का अहसास कराया है। पंजाब के लुधियाना पश्चिम और गुजरात के विसावदर से AAP के उम्मीदवारों ने निर्णायक बढ़त के साथ जीत हासिल की। इस जीत के बाद पार्टी प्रमुख Arvind Kejriwal ने न केवल जनता का आभार जताया, बल्कि यह भी साफ किया कि वह राज्यसभा नहीं जाएंगे, जैसा कि कुछ राजनीतिक हलकों में चर्चा थी

उपचुनावों में शानदार प्रदर्शन

  • लुधियाना पश्चिम (पंजाब): आप उम्मीदवार और मौजूदा राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने जीत दर्ज की।

  • विसावदर (गुजरात): यह सीट पहले AAP के पास थी, लेकिन विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद उपचुनाव हुआ। पार्टी ने यह सीट पहले से दोगुने अंतर से फिर से जीत ली।

Arvind Kejriwal की स्पष्ट घोषणा: “मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद Arvind Kejriwal ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा: “मैं राज्यसभा नहीं जा रहा हूं। यह तय करना पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC) का काम है कि अगला राज्यसभा सांसद कौन होगा।”

यह बयान तब आया जब विपक्षी दलों द्वारा यह दावा किया जा रहा था कि संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के बाद केजरीवाल खुद राज्यसभा जा सकते हैं।

भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला

Arvind Kejriwal ने कहा कि गुजरात में भाजपा सत्ता में होते हुए भी उपचुनाव हार गई, जो इस बात का संकेत है कि लोग अब उनसे तंग आ चुके हैं। Arvind Kejriwal ने कहा: “यह कहा जाता है कि उपचुनावों में सत्तारूढ़ दल जीतता है, लेकिन हमने गुजरात में भाजपा को हराया। यह हमारी नीतियों और काम का असर है।”

उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा: “कांग्रेस भाजपा की कठपुतली बन गई है और उसके जीत के रास्ते को आसान बना रही है। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे हमारे साथ जुड़ें। भाजपा के खिलाफ अकेली ईमानदार लड़ाई AAP ही लड़ रही है।”

राजनीतिक संदेश और आगे की रणनीति

इस जीत के साथ AAP ने दोबारा यह साबित किया है कि वह न केवल दिल्ली और पंजाब में, बल्कि गुजरात जैसे राज्यों में भी राजनीतिक विकल्प बनने की क्षमता रखती है। पार्टी के लिए यह जीत एक मनोबल बढ़ाने वाला संकेत है, विशेषकर उस समय जब दिल्ली में हाल ही में भाजपा के खिलाफ पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।

अब जब संजीव अरोड़ा को राज्यसभा से इस्तीफा देना होगा, तो पार्टी के सामने एक नया सवाल खड़ा हो गया है – उनकी जगह कौन राज्यसभा जाएगा। हालांकि केजरीवाल ने खुद को इससे अलग कर लिया है, लेकिन इस पर PAC की अगली बैठक में निर्णय होने की संभावना है

Related Articles

Back to top button