Krishna Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी कब है? जानें पूजन की तिथि, महत्व और मुहूर्त

Krishna Janmashtami 2025: निशिता काल में जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। मध्यरात्रि का समय है। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण को विशेष रूप से पूजा जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानें
Krishna Janmashtami 2025 Kab Hai: कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं में श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। चंद्रमा उस समय वृषभ राशि में था। हिंदू धर्म में, इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। लड्डू गोपाल, भगवान श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप, इस दिन पूजा जाता है। जन्माष्टमी कब है, इसका महत्व और पूजन का मुहूर्त जानें।
कृष्ण जन्माष्टमी कब है |Krishna Janmashtami 2025
Krishna Janmashtami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 15 अगस्त 2025 को 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 16 अगस्त को 09 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। 2025 में कृष्ण जन्माष्टमी 15 अगस्त और 16 अगस्त को मनाई जाएगी। 15 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत रखने वाले व्यक्ति 16 अगस्त को पारण करेंगे। 16 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने वाले श्रद्धालु 17 अगस्त को व्रत का पारण करेंगे।
रोहिणी नक्षत्र कब से कब तक: 17 अगस्त को सुबह 4 बजकर 38 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा और 18 अगस्त को सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा।
जन्माष्टमी पूजन का समय: 16 अगस्त को जन्माष्टमी पूजन का निशिता मुहूर्त सुबह 12 बजे 09 मिनट से 12 बजे 54 मिनट तक रहेगा। पूजन 44 मिनट का है। 16 अगस्त को सुबह 12 बजकर 31 मिनट मध्य रात्रि का क्षण है। 17 अगस्त को निशिता पूजा रात 12 बजे 4 बजे से सुबह 12 बजे 47 मिनट तक चलेगी। पूजन का समय 43 मिनट है।
जन्माष्टमी का महत्व: हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत बहुत महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप मिट जाते हैं। यह व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।