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पितृपक्ष 2025: अगर पितृपक्ष में नहीं किया श्राद्ध तो कब तक इंतजार करते हैं पितृ? जानें स्कंद पुराण से जुड़ी मान्यताएं

पितृपक्ष 2025: अगर पितृपक्ष में श्राद्ध नहीं हुआ, तो पितृ कन्या व तुला राशि तक प्रतीक्षा करते हैं; स्कंद पुराण के अनुसार आज ही इन संक्रांति में श्राद्ध कर उन्हें तृप्त करें।

पितृपक्ष 2025 का आरंभ 7 सितंबर से हो रहा है—एक ऐसा पवित्र महीना जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध करते हैं। लेकिन यदि इस दौरान श्राद्ध नहीं हो सका तो क्या होगा? स्कंद पुराण में इसके लिए स्पष्ट उत्तर दिया गया है। (पितृपक्ष 2025)आइए जानते हैं कि कब तक, क्यों और कैसे हमें पितृों की तृप्ति का ध्यान रखना चाहिए।

श्राद्ध न होने पर कितनी बार करते पितृ इंतजार? पितृपक्ष 2025

  1. कन्या राशि में सूर्य की अवधि:
    यदि आप पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं कर पाए, तो स्कंद पुराण में कहा गया है कि पितृ तब तक प्रतीक्षा करते रहते हैं जब तक सूर्य कन्या राशि में रहता है। अर्थात्-संक्रांति से लेकर तुला राशि में प्रवेश तक आसरा देते रहते हैं।

  2. तुला राशि तक रहना:
    यदि कन्या राशि के दौरान भी श्राद्ध नहीं हुआ, तो वे अपने इंतजार को तब तक बढ़ाते हैं जब तक सूर्य तुला राशि में प्रविष्ट होता है, यानी पूरे कार्तिक मास तक।

  3. वृश्चिक राशि में सूर्यगमन:
    जैसे ही सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है, पितृ निराश होकर अपने स्थान लौट जाते हैं। इसका अर्थ यह है कि अपनी कर्मभूमि पर लौटना उनका सबसे अंतिम कितना इंतजार है।

क्या करें यदि पितृपक्ष में आप नहीं कर पाए श्राद्ध?

  • कन्या और तुला संक्रांति के बाद:
    यदि पितृपक्ष में श्राद्ध छूट गया हो, तो कन्या–तुला राशि के दौरान संक्रांति या अमावस्या को श्राद्ध अवश्य करें।

  • गया बलीदान/श्राद्ध यात्रा:
    यदि समय नहीं मिलता, तो गया में जाकर एक बार श्राद्ध जरूर करवा लें। ऐसा करने से ऐसा माना जाता है कि आपके पूर्वजों की आत्मा सदा के लिए तृप्त हो जाती है।

श्राद्ध क्यों आवश्यक समझा गया है?

  • पितृस्थ आत्मा भूख-प्यास से पीड़ित रहती है यदि उन्हें भोजन और तिजोरी नहीं मिलती।

  • श्राद्ध द्वारा अंजलि, तिल, जल और भोजन अर्पित कर उनकी आत्मा की संतुष्टि हेतु यह अनिवार्य माना गया है।

  • अपनी परंपरा और श्रद्धा से पूर्वजों को स्मरण कर श्रद्धाभाव से पूजन करने से संस्था और संस्कार दोनों बनाए रखा जाता है।

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