
पानीपत में हर दिन 30 लाख किलो कपड़ा होता है रीसायकल बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा टेक्सटाइल रीसाइक्लिंग हब (हैंडलूम सिटी)। जानिए कैसे हो रहा है काम और क्या बोले पीएम मोदी।
‘हैंडलूम सिटी’ के नाम से मशहूर ऐतिहासिक शहर पानीपत ने अब खुद को एक नई पहचान दिलाई है। यह शहर अब दुनिया का सबसे बड़ा टेक्सटाइल रीसाइक्लिंग केंद्र बनकर उभरा है। यहाँ हर दिन लाखों किलो पुराने कपड़े रीसायकल कर वैश्विक बाज़ार में निर्यात किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस उपलब्धि की सराहना की है।
30 लाख किलो कपड़ा रोज होता है रीसायकल
पानीपत की करीब 200 कताई मिलों में प्रतिदिन 30 लाख किलोग्राम पुराने कपड़े रीसायकल किए जाते हैं। इस प्रक्रिया में पुराने कपड़ों को साफ करके धागा बनाया जाता है, जिससे बेडशीट, कंबल, कालीन, पर्दे और शॉल जैसे उत्पाद तैयार होते हैं। ये उत्पाद न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका, जर्मनी, इटली, स्पेन, फ्रांस और कनाडा जैसे देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।
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25 साल पुराना है पानीपत का यार्न रीसाइक्लिंग उद्योग
एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय गुप्ता के मुताबिक, पानीपत में रीसायक्लिंग यार्न का काम 25 साल पहले शुरू हुआ था। तब हर इकाई 15 टन यार्न प्रतिदिन बनाती थी, लेकिन आज कई मिलें 30-40 टन प्रतिदिन उत्पादन कर रही हैं। पानीपत में लगभग 70,000 लोगों को इस उद्योग से रोजगार मिला हुआ है।
तुर्की को पीछे छोड़ बना ग्लोबल लीडर
पहले यह खिताब तुर्की के पास था, लेकिन अब यह सम्मान पानीपत को मिला है। हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सचदेवा ने बताया कि यह उपलब्धि पानीपत के उद्योगों की मेहनत का परिणाम है।
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