
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी के बीच बैठक में भूमि अभिलेख प्रणाली सुधार, डिजिटल सर्वेक्षण और लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण पर चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ में भू-राजस्व सुधारों को नई तकनीकों से बेहतर बनाया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय में केंद्रीय भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी से सौजन्य भेंट की। इस महत्वपूर्ण बैठक में भूमि अभिलेख प्रणाली को मजबूत बनाने, भूमि सर्वेक्षण में नई तकनीकों के उपयोग, और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटान पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में राज्य के राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा भी मौजूद थे।
भूमि अभिलेखों के सुधार और तकनीकी नवाचारों पर जोर
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों के अद्यतन और सुधार के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे-जैसे भू-अभिलेख व्यवस्थित होंगे, राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों का समाधान तेजी से होगा। साय ने केंद्र सरकार की तकनीक आधारित पहलों का स्वागत करते हुए कहा कि ये नवाचार किसानों और आम जनता को सीधे लाभ पहुंचाएंगे।
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आधुनिक तकनीकों से भूमि सर्वेक्षण प्रक्रिया में तेजी
केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी ने छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की स्थिति बेहतर बताते हुए कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से इसमें और सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक सर्वेक्षण के मुकाबले अब डिजिटल और आधुनिक तकनीकों का उपयोग भूमि सर्वेक्षण को तेज़, सटीक और भरोसेमंद बना रहा है। जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर भू-राजस्व रिकॉर्ड की गुणवत्ता बढ़ाने में सहयोग कर रही है।
डिजिटल सर्वेक्षण से नक्शों की अद्यतन प्रक्रिया में सुधार
मनोज जोशी ने यह भी बताया कि जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान नक्शों के अद्यतन में आने वाली तकनीकी समस्याओं को डिजिटल सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावी रूप से सुलझाया जा सकेगा। इससे सभी नागरिकों को प्रमाणित और अपडेटेड नक्शे मिलेंगे, जिससे गड़बड़ी कम होगी और शहरी क्षेत्रों के नियोजन में भी सुधार होगा।
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