
‘उदयपुर फाइल्स’ पर विवाद का केंद्र क्यों है? उदयपुर फाइल्स विवाद
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ उसी वीभत्स हत्याकांड को दर्शाती है जिसमें उदयपुर के एक दर्जी कन्हैया लाल साहू को दिनदहाड़े हत्या का शिकार बनाया गया था। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। फिल्म के प्रचार और ट्रेलर को लेकर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है क्योंकि उनका आरोप है कि फिल्म आरोपियों को बिना ट्रायल के दोषी ठहरा रही है, जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
आरोपी की याचिका में क्या है मांग?
आरोपी मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि फिल्म की रिलीज़ पर तत्काल रोक लगाई जाए जब तक कि मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। उनका तर्क है कि फिल्म के रिलीज़ होने से समाज में पूर्वाग्रह फैल सकता है और आरोपी के निष्पक्ष न्याय में बाधा आ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें फिल्म की रिलीज़ पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।
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जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां कुछ लोग इस फिल्म को सत्य उजागर करने वाला महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप मान कर विरोध कर रहे हैं। फिल्म के रिलीज़ को लेकर इस विवाद ने सामाजिक और कानूनी दोनों ही स्तर पर बहस को जन्म दिया है।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें
सुप्रीम कोर्ट आज इस उदयपुर फाइल्स विवाद पर सुनवाई करेगा और फिल्म की रिलीज पर अंतिम फैसला सुनाएगा। यह फैसला न केवल फिल्म के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि न्याय प्रणाली की निष्पक्षता और सामाजिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाने के लिए भी अहम माना जा रहा है।
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